इंदौर (मप्र): यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध का संकट गहराता जा रहा है। दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात बने हुए है। इंदौर के भी कई बच्चे मेडिकल की पढ़ाई के लिए पिछले कुछ सालों से यूक्रेन में हैं। युद्ध की स्थिति निर्मित होने के बाद अब इन छात्रों के परिजन अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। इंदौर के कुछ परिवारों ने जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट से बातचीत की है। सिलावट अब केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से चर्चा करेंगे। जिससे सभी छात्रों की सुरक्षित घर वापिसी हो सके।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा: वापस लाने का किया जा रहा प्रयास
यूक्रेन में फसे इंदौर के बच्चों पर मंत्री सारंग ने बयान देते हुए कहा कि, केंद्र सरकार यूक्रेन में फंसे बच्चों की चिंता कर रही है। बच्चे एमपी के हो या कहीं और के हो उन्हें वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय की दूतावास से बातचीत चल रही है। सभी को देश में सुरक्षित वापस लाया जाएगा।
परिवार की चिंता बढ़ गई है
इस बीच केंद्र सरकार ने भारतीयों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है,यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दूतावास ने भारतीय छात्रों से कहा है कि यदि उनका यूक्रेन में रहना जरूरी नहीं है तो वे अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ दें। भारतीय नागरिकों को यह भी सलाह दी गई है कि वे यूक्रेन की गैर जरूरी यात्रा न करें और यूक्रेन में भी इधर-उधर जाने से बचें। वैसे तो यूक्रेन में पिछले कई दिनों से हालात असामान्य है, लेकिन केंद्र सरकार की इस चेतावनी के बाद उन परिवारों में चिंता बढ़ गई है। जिनके बच्चे पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए हुए हैं। इनमें इंदौर के भी कई परिवार शामिल है।
प्रोफेसर ने किया सांसद से संपर्क
देवी अहिल्या कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ अखिलेश राव के पुत्र प्रणय राव पिछले चार वर्षों से यूक्रेन की टरनोपिल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे है। युद्ध के हालात निर्मित होने के बाद डॉ अखिलेश और उनकी पत्नी अपने बेटे की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। डॉ अखिलेश ने सांसद शंकर लालवानी से संपर्क किया है। उन्होंने सांसद के माध्यम से केंद्र सरकार से बच्चों की सुरक्षा को लेकर गुहार लगाई है।
फ्लाइट का किराया 2 लाख रुपये
देश लौटने के लिए यूक्रेन में मौजूद भारतीय छात्रों का कहना है कि वो डरे हुए हैं और देश लौटना चाहते हैं। सरकार की ओर से जानकारी नहीं मिल पा रही है। फ्लाइट का किराया भी तीन गुना से ज्यादा हो गया है। छात्रों ने बताया कि 70 हजार का किराया अचानक से 2 लाख के करीब पहुंच गया है। अकेले खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में ही दो हजार छात्र हैं। खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी रूस बॉर्डर से सिर्फ 35 किलोमीटर दूर है। यही वजह है कि अभिभावक परेशान हैं। वहीं इंदौर के देपालपुर के श्याम गोयल के बेटे भी पिछले चार सालों से यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे है। श्याम गोयल के अनुसार जिस तरह लॉक डाउन में केंद्र सरकार ने हमारी मदद की थी। इस संकट की घड़ी में भी हमारी मदद करें।

सांसद विदेश मंत्री से मिलेंगे
उधर सांसद शंकर लालवानी का कहना है कि वे यूक्रेन में फसे इंदौर के छात्रों को लेकर चिंतित हैं। उन्होने सोशल मीडिया के जरिए उक्रेन में फंसे इंदौर के छात्रों से बातचीत की है। अब वे विदेश मंत्रालय से चर्चा करने के लिए बुधवार सुबह दिल्ली पहुंचेंगे। उन्होने विदेश मंत्री एस।जयशंकर से मिलने का समय भी मांगा है। बुधवार को मंत्रालय में वे विदेश मंत्री से
मिलकर आगे की स्थिति पर चर्चा करेंगे और भारतीय छात्रों की सकुशल वापिसी को लेकर रणनीति तैयार करेंगे।
