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अनिश्चितकालीन हड़ताल पर तमिलनाडु में परिवहन निगम, सरकार के सामने रखीं अपनी मांगें

  • तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम ने राज्य भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल की है।
  • सरकार के साथ असफल वार्ता के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है।
    चेंगलपट्टू (तमिलनाडु ) ।
    15वें वेतन संशोधन की मांग को लेकर तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम ने राज्य भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल की है। तमिलनाडु परिवहन संघ मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हालांकि, राज्य में विभिन्न परिवहन कर्मचारी संघों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एमटीसी) सहित कई बसों के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा है। शहर में एमटीसी एकमात्र बस ऑपरेटर है, जिसने 2,025 बसों के सामान्य संचालन के मुकाबले कुल 2,098 बसों को संचालित किया है। तमिलनाडु में परिवहन कर्मचारी संघों ने सोमवार को एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार के साथ असफल वार्ता के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। मंगलवार को कर्मचारी संघों ने राज्य सरकार पर उनकी मांगों पर विचार नहीं करने का आरोप लगाया।
    परिवहन संघ ने सरकार पर लगाया आरोप
    सीटू नेता ए सुंदरराजन के अनुसार, राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि परिवहन कर्मचारियों की कोई भी मांग अब स्वीकार नहीं की जा सकती है, जो एक “अन्यायपूर्ण उत्तर और अनुचित रुख” है। सुंदरराजन ने कहा, “यह सरकार परिवहन निगम के कर्मचारियों के साथ दोयम दर्जे के नागरिकों के रूप में व्यवहार कर रही है… एक प्रमुख मांग पेंशनभोगियों के लिए आठ साल से लंबित महंगाई भत्ता जारी करने की है और हम इसमें बढ़ोतरी की मांग नहीं कर रहे हैं, हम देय डीए जारी करने के लिए कह रहे हैं।” सरकार से 15वें वेतन संशोधन समझौते के तहत बढ़ी हुई मजदूरी तय करने के लिए बातचीत शुरू करने की तारीख तय करने का आग्रह करते हुए सीटू नेता ने कहा, “अगर वे इस मांग को भी स्वीकार नहीं कर सकते हैं, तो सरकार को हमें हड़ताल रद्द करने के लिए कहने का क्या अधिकार है।” बता दें कि ट्रांसपोर्ट यूनियनों की हड़ताल प्रमुख तमिल त्योहार ‘पोंगल’ से पहले हुई है, जिससे उत्सव की भीड़ में खलल पड़ने की संभावना है।
    हड़ताल करने पर उचित कार्रवाई करने की चेतावनी
    राज्य के परिवहन मंत्री एस एस शिवशंकर ने सोमवार को आरोप लगाया था कि परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल “राजनीतिक मकसद” है और इससे जनता को परेशानी होगी। हड़ताल पर उचित कार्रवाई की चेतावनी देते हुए मंत्री ने कहा था कि वित्तीय स्थिति में सुधार होने पर उनकी मांगें उचित समय पर पूरी की जाएंगी। इस बीच, अन्नाद्रमुक प्रमुख और विपक्ष के नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने कर्मचारी संघ द्वारा रखी गई किसी भी मांग को पूरा करने के लिए द्रमुक सरकार की आलोचना की।
    8 हजार से ज्यादा बसें संचालित की गईं
    वहीं, एमटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रबंध निदेशक एल्बी जॉन बसों के संचालन का निरीक्षण करने के लिए विभिन्न बस डिपो में जा रहे हैं, ताकि हड़ताल के कारण यात्रियों विशेषकर कार्यालय जाने वालों को कोई परेशानी न हो। एमटीसी ने एक परिपत्र जारी कर सभी छुट्टियां रद्द कर दी हैं और बस चालक दल को नियमित छुट्टी लिए बिना उपस्थित रहने के लिए कहा है।

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