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राम मंदिर में 2,000 फीट नीचे दबाया गया टाइम कैप्सूल, विनाश के बाद भी सदियों तक देगा अयोध्या के इतिहास की जानकारी

अयोध्या मे राम मंदिर करोङों के लागत से बनकर तैयार हो गया है। जिसका 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्धघाटन किया जाएगा। लेकिन इस बीच रामलला की प्रतिमा की तस्वीरें बीतें दिन सामने सामने आ गई है। लेकिन इस बीच एक और जानकारी सामने आ रही है कि राम भूमि के करीबन 2000 फीट नीचे टाइम कैप्सूल दबाया गया है। जिसमे जन्मभूमि से जुङी तमाम जानकारियां होंगी।

टाइम कैप्सूल लगाने का उद्देश्य-:

एक रिपोर्ट के अनुसार. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि टाइम कैप्सूल लगाने के पीछे का कारण यह है कि आने वाले समय में यदि मंदिर से संबंधित कोई भी विवाद या किसी तरह के प्रश्न उठायें जाए तो हमारे पास सबूत के तौर पर यह टाइम कैप्सूल रहेगा। साथ हीं, इसमे राम मंदिर से जुङी जानकारी होंगी जिससे आगे की पीढी इस मंदिर के महत्व को समझ सकेगी। गौरतलब है कि सारी जानकारियां संस्कृत भाषा मे लिखी गई है।

टाइम कैप्सूल का इतिहास-:

आपको बता दें, भारत मे इससे पहले भी टाइम कैप्सूल का इतिहास रहा है। देश की पहली एवं एकमात्र महिला प्रधानमंत्री ने साल 1972 एमरजेंसी के समय लाल किले के एक द्वार के बाहर टाइम कैप्सूल रखा था। हालांकि कुछ समय बाद उसे हटा दिया गया था। इसके बाद साल 2010 मे लाल किले के एक द्वार के बाहर एक टाइम कैप्सूल दफनाया था। इसके साथ हीं साल 2010 मे गुजरात मे गांधीनगर के महात्मा मंदिर के नींव पर टाइम कैप्सूल दबाया गया था।  

विश्व का पहला टाइम कैप्सूल-

विश्व का सबसे पहला 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल स्पेन के बर्गोस में ईसा मसीह की मूर्ति के अंदर  30 नवंबर 2017 को मिली थी। जिसमें वर्ष 1777 की आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जानकारी थी।

by Anupam Tiwari

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