रायपुर। देश को आजादी मिले 76 साल हो गए है लेकिन स्वाधीनता के इतने साल बाद भी छत्तीसगढ़ में एक ऐसा गाँव है जहाँ अभी तक ग्रामीण अँधेरे में डूबे हुए थे। मगर आजादी के इस अमृत काल में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के लोगों का घर बिजली से रोशन हो उठा। सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित एलमागुंडा गांव में बिजली पहुँचने में 75 साल से अधिक समय लग गया।
दरअसल, छत्तीसगढ़ के अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र ग्राम एलमागुंडा में जिला पुलिस बल, सीआरपीएफ, प्रशासन के संयुक्त प्रयासों के परिणाम स्वरूप स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले रविवार यह गांव रोशन हुआ। आजादी के इतने साल बाद भी यहां के ग्रामीण अँधेरे में रहने को मजबूर थे। ग्राम एलमागुंडा में नक्सलियों के हिंसात्मक कृत्यों के कारण बिजली की सुविधा आज तक नहीं पहुंच पाई थी।
इसके अलावा उत्तरप्रदेश के गोण्डा के जंगलों में बसने वाले वनटांगिया समुदाय के लोगों को भी बिजली से रोशन हो गया। मुख्यमंत्री के निर्देशनुसार इस गाँव में विद्युतीकरण कार्य सम्पन्न किया गया। गौरतलब है कि एक तरफ देश डिजिटल इंडिया की ओर अग्रसर है तो वहीं दूसरी तरफ आज भी ऐसे गाँव है जहाँ लोग मुख्यधारा से अलग है।