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- मैं आशा करता हूं कि पुरानी बुराइयों को छोड़कर हम नए सदन में अच्छाइयों के साथ आगे बढ़ेंगे।
- सत्र समय के हिसाब से छोटा जरूर है, इसकी अहमियत बहुत ज्यादा है।
- सरकार ने 18 से 22 सितंबर के लिए बुलाया है, जिसमें कई बिल पेश किए जाएंगे।
नई दिल्ली, संसद के विशेष सत्र से पहले मीडिया से मुखातिब होते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सत्र समय के हिसाब से छोटा जरूर है, इसकी अहमियत बहुत ज्यादा है. ये सत्र ऐतिहासिक निर्णयों का सत्र है. 75 साल की संसदद की यात्रा प्रेरक पल है. नए स्थान पर ससंद की यात्रा शुरू होगी. उन्होंने कहा कि जीवन में कुछ पल ऐसे भी होते हैं, जो विश्वास से भर देते हैं. नए उत्साह के साथ नए सदन में प्रवेश करेंगे. मैं आशा करता हूं कि पुरानी बुराइयों को छोड़कर हम नए सदन में अच्छाइयों के साथ आगे बढ़ेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन के बारे में कहा कि जी20 में हम ग्लोबल साउथ की आवाज बने. जी20 की सफलता भारत की विविधता का सेलिब्रेशन बन गया है. देश के उज्ज्वल भविष्य का संकेत दे रही है. भारत के गौरव को बढ़ाने वाला माहौल बन रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि कल गणेश चतुर्थी का दिन है. नए संसद के प्रवेश करने में कोई विध्न नहीं होगा. ये नए सपने को पूरा करने वाला बनेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में उत्सव, उत्साह का माहौल है। राष्ट्र एक नये आत्मविश्वास का अनुभव कर रहा है. सभी सदस्यों से अनुरोध है कि इस छोटे से संसद सत्र को अधिक से अधिक समय दें. रोने-धोने के लिए बहुत समय होता है, करते रहिए. जीवन में कुछ पल ऐसे होते हैं जो उमंग से भर लेते हैं, मैं इस सत्र को ऐसे देख रहा हूं.
प्रधानमंत्री ने जी20 की सफतला का जिक्र किया
संसद के विशेष सरकार ने 18 से 22 सितंबर के लिए बुलाया है, जिसमें कई बिल पेश किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने संबोधन में हल ही में समपन्न हुए जी20 का जिक्र करते हुए कहा, “जी20 की अभूतपूर्व सफलता, 60 से अधिक स्थानों पर विश्व भर के नेताओं का स्वागत, मंथन और ट्रू स्पिरिट में फेडरल स्ट्रक्चर का एक जीवंत अनुभव भारत की विविधता, भारत की विशेषता के साथ जी20 अपने आप में एक त्योहार बन गया।”
भारत हमेशा गर्व करेगा कि हम ग्लोबल साउथ की आवाज बनें
उन्होंने कहा कि जी 20 में भारत हमेशा इस बात के लिए गर्व करेगा कि हम ग्लोबल साउथ की आवाज बनें। अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता और सर्वसम्मति से जी 20 का डिक्लेरेशन, ये सारी बातें भारत के उज्ज्वल भविष्य का संकेत दे रही हैं।
ये रोने-धोने का समय नहीं
इस दौरान पीएम मोदी ने किसी का नाम लिए बिना विपक्ष पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा, “2047 में देश को विकसित बनाकर रहना है। अब जितने भी नए फैसले होने हैं, वे नए संसद भवन में होने हैं। कई प्रकार से ये महत्वपूर्ण ये सत्र है। मैं सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि छोटा सत्र है, ज्यादा से ज्यादा समय उनका मिले, उत्साह और उमंग के वातावरण में मिले। रोने-धोने के लिए बहुत समय होता है करते रहिए। कुछ समय ऐसे होते हैं, जो विश्वास से भर देते हैं। पुरानी बुराइयों को छोड़कर और नए सदन में प्रवेश करने की उमंग और अच्छाइयों के साथ आगे बढ़ना है।”
‘ये सत्र छोटा, लेकिन समय के हिसाब ये बहुत बड़ा’
संसद के विशेष सत्र के बारे में बात करते हुए पीएम ने कहा, “इस समय सारे देश में उमंग का माहौल और एक नया आत्मविश्वास हम सभी महसूस कर रहे हैं। उसी समय संसद का ये सत्र हो रहा है। ये सत्र छोटा है, लेकिन समय के हिसाब ये बहुत बड़ा है। ऐतिहासिक निर्णयों के ये सत्र है। इस सत्र की एक विशेषता ये है कि 75 साल की यात्रा अब नए मुकाम से शुरू हो रही है।”