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बाहरी लोगों के शासन के कारण नहीं हुआ संस्कृत का उत्थान

मुख्यमंत्री ने कहा- संस्कृत का उत्थान, राष्ट्र और भारतीय संस्कृति का उत्थान

मुख्यमंत्री ने संस्कृत विद्यालयों के लिए सिंगल क्लिक से भेजे 2.30 करोड़

भोपाल। सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संस्कृत विद्यालयों के लिए सिंगल क्लिक के माध्यम से 2.30 करोड़ रुपए भेजे हैं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि संस्कृत का उत्थान राष्ट्र और भारतीय संस्कृति का उत्थान है। इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि जो उत्थान संस्कृत का होना था वह बाहरी लोगों के शासन के कारण देश में नहीं हो सका। संस्कृत का अनादर हुआ। हमारी संस्कृति जो वसुधैव कुटुम्बकम और सर्व कल्याण की बात कहती है, संस्कृत के श्लोकों में अभिव्यक्त हुई है।

अब देश में सांस्कृतिक उत्थान के स्वर्ण युग का आरंभ हुआ है और हम मां संस्कृत की सेवा कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने संस्कृत विद्यालयों के विद्यार्थियों और प्राचार्यों के खातों में 2 करोड़ 30 लाख रुपए की सहायता राशि सिंगल क्लिक से अंतरित की।

2 सितंबर से शुरू होंगी गतिविधियां

मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि श्रावण मास की द्वादशी से संस्कृत सप्ताह की गतिविधियां शुरू हो गई हैं, जो भाद्र माह की तृतीया 2 सितम्बर कि चलेंगी। महर्षि पतंजलि संस्थान के अध्यक्ष भरत बैरागी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रारंभ नवनिर्मित संस्कृत भवन पूरे देश में विशिष्ट है। अन्य राज्यों में संस्कृत भवन नहीं है। प्रदेश की संस्कृत पाठशालाएं वैभव को प्राप्त करेंगी। यहां आवासीय विद्यालयों की व्यवस्थाएं भी बेहतर हैं। संस्कृत के संवर्धन के लिए देश में अन्यत्र इतना कार्य कहीं नहीं हुआ। योग आयोग के अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा और आयुक्त लोक शिक्षण अनुभा श्रीवास्तव उपस्थित थे।

The rise of Sanskrit was not due to the rule of outsiders.

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