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प्रधानमंत्री मोदी ने विजय दिवस पर 1971 युद्ध के वीर सैनिकों को किया याद, कहा- देश उनका कर्जदार रहेगा

  • “उनकी अटूट भावना और समर्पण देश के इतिहास और इसके लोगों के दिलों में अंकित है.”
  • 1971 में शानदार जीत सुनिश्चित करते हुए कर्तव्यनिष्ठा से भारत की सेवा की.
    नई दिल्ली:
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजय दिवस पर भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए 1971 के युद्ध के बहादुर नायकों को सलाम किया, जिनके बलिदान के कारण भारत को शानदार जीत मिली. उन्होंने कहा, “उनकी अटूट भावना और समर्पण देश के इतिहास और इसके लोगों के दिलों में अंकित है.” पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट एक बयान में कहा, “आज, विजय दिवस पर, हम उन सभी बहादुर नायकों को हार्दिक श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने 1971 में शानदार जीत सुनिश्चित करते हुए कर्तव्यनिष्ठा से भारत की सेवा की. उनकी वीरता और समर्पण राष्ट्र के लिए अत्यंत गौरव का विषय है. उनका बलिदान और अटूट भावना हमेशा लोगों के दिलों और हमारे देश के इतिहास में अंकित रहेगी. भारत उनके साहस को सलाम करता है और उनकी अदम्य भावना को याद करता है.
    भारतीय सेना ने किया पोस्ट
    इस बीच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में भारतीय सेना ने कहा, “16 दिसंबर 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान पर भारतीय सशस्त्र बलों की ऐतिहासिक जीत का प्रतीक है. इस दिन, आइए हम भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा दिखाए गए साहस और धैर्य को सलाम करें.” पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट एक बयान में कहा, “आज, विजय दिवस पर, हम उन सभी बहादुर नायकों को हार्दिक श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने 1971 में शानदार जीत सुनिश्चित करते हुए कर्तव्यनिष्ठा से भारत की सेवा की. उनकी वीरता और समर्पण राष्ट्र के लिए अत्यंत गौरव का विषय है. उनका बलिदान और अटूट भावना हमेशा लोगों के दिलों और हमारे देश के इतिहास में अंकित रहेगी. भारत उनके साहस को सलाम करता है और उनकी अदम्य भावना को याद करता है. “
    भारतीय सेना ने किया पोस्ट
    इस बीच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में भारतीय सेना ने कहा, “16 दिसंबर 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान पर भारतीय सशस्त्र बलों की ऐतिहासिक जीत का प्रतीक है. इस दिन, आइए हम भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा दिखाए गए साहस और धैर्य को सलाम करें.”
    16 दिसंबर को ही किए थे आत्मसमर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर
    1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है. 16 दिसंबर 1971, वह दिन था जब पाकिस्तान ने 13 दिवसीय भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद ढाका में आत्मसमर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे. 93,000 से अधिक सैनिकों के आत्मसमर्पण के साथ, भारतीय सेना के खिलाफ पाकिस्तानी सेना का समर्पण पूरा हो गया. इस निर्णायक जीत के बाद, भारत ने खुद को एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति के रूप में घोषित किया.
    ‘उनके साहस को सलाम’
    पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘आज, विजय दिवस पर, हम उन सभी बहादुर नायकों को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने 1971 में निर्णायक जीत सुनिश्चित करते हुए कर्तव्यनिष्ठा से भारत की सेवा की. उनकी वीरता और समर्पण राष्ट्र के लिए अत्यंत गौरव का स्रोत है. उनका बलिदान और अटूट भावना हमेशा लोगों के दिलों और हमारे देश के इतिहास में अंकित रहेगी. भारत उनके साहस को सलाम करता है और उनकी अदम्य भावना को याद करता है.’
    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के जवानों को दी श्रद्धांजलि
    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह के साथ विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की.

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