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- इस साल कुल चार ग्रहण होने थे। दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण।
- 2 सूर्यग्रहण और 1 चंद्रग्रहण हो चुके हैं और अब चौथा ग्रहण 28 अक्टूबर को दिखेगा।
- साल की आखिरी खगोलीय घटना पर सबकी नजर होगी।
- यह चंद्र ग्रहण लगभग सभी महाद्वीपों में नजर आएगा।
नई दिल्लीः इस साल कुल चार ग्रहण होने थे। दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण। इनमें 2 सूर्यग्रहण और 1 चंद्रग्रहण हो चुके हैं और अब चौथा ग्रहण 28 अक्टूबर को दिखेगा। यह चंद्र ग्रहण लगभग सभी महाद्वीपों में नजर आएगा। बता दें कि 28 अक्टूबर को होने वाला चंद्र ग्रहण आंशिक होगा। 28 तारीख को चंद्रमा छाया के उत्तरी किनारे पर होगा इस कारण चंद्रमा का एक छोटा हिस्सा पूरी तरह ग्रहण में रहेगा। साल की आखिरी खगोलीय घटना पर सबकी नजर होगी। इस चंद्रग्रहण को देखने पर ऐसा लगेगा कि चांद के एक छोटे से टुकड़े को किसी ने काट लिया है। अब ये जान लीजिए कि चंद्रग्रहण क्यों होते हैं? वैज्ञानिकों की मानें तो जब 3 खगोलीय पिंड एक ही लाइन में आ जाएं तो और उनमें से किसी एक पर भी प्रकाश नहीं पहुंचता है यानी वह पूरी तरह अंधेरे में डूब जाता है तो इस प्रकिया को ग्रहण कहते हैं। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आती है तो इसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है। इस दौरान पृथ्वी की परछाई चंद्रमा पर पड़ती है। पृथ्वी की छाया के भी दो प्रकार होते हैं पहली ताकतवर और दूसरी कमजोर। जहां छाया हल्की होती है उसे उम्ब्रा कहते हैं। खगोलीय वैज्ञानिकों की मानें तो 28 अक्टूबर को होने वाला चंद्रग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। यह ग्रहण उन क्षेत्रों में दिखाई देगा जहां चंद्रमा क्षितिज से ऊपर होता है। दक्षिणी अमरीकी महाद्वीप को छोड़कर यह चंद्रग्रहण सभी जगह दिखाई देगा। यह चंद्रग्रहण क्षितिज से 62 डिग्री ऊपर स्थित होगा। यह चंद्र ग्रहण दो दिन दिखाई देगा। यह चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर की रात 11ः31 बजे से लेकर 29 अक्टूबर की सुबह 3ः36 तक देखा जा सकेगा। वैज्ञानिकों की मानें तो बाद वाले समय में दिखने वाले चंद्रग्रहण को देखना शुभ होगा। भारत में 29 अक्टूबर का चंद्रग्रहण सबसे अच्छे तरीके से देखा जा सकेगा।