जिनेवा। इजराइल और हमास के बीच युद्ध जारी है, युद्ध में अब तक 12 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई। इस बीच, भारत ने मानवीय आधार पर युद्ध विराम के प्रयासों को सराहा। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय के उन प्रयासों की भी सराहना की है जिनका उद्देश्य तनाव कम करना और फलस्तीन के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करना है। गाजा पट्टी में मानवीय स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में पूर्ण सत्र की अनौपचारिक बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने सोमवार को जोर देकर कहा कि भारत का संदेश स्पष्ट और सुसंगत रहा है। उन्होंने कहा, भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के उन सभी प्रयासों का स्वागत करता है, जो संघर्ष को कम करने की दिशा में प्रयास करते हैं और फलस्तीनियों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाते हैं।
तनाव बढ़ने से रोका जाए
रुचिरा ने कहा, हम आतंकवाद के सभी स्वरूपों का दृढ़ता से विरोध करते हैं। स्पष्ट रूप से हिंसा के खिलाफ हैं और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने के पक्ष में हैं। साथ ही यह सुनिश्चित करते हैं कि आगे और तनाव बढ़ने से रोका जाए, मानवीय सहायता जारी रहे, सभी बंधकों को बिना शर्त रिहा किया जाए। इसके अलावा, सभी पक्ष शांति एवं स्थिरता की जल्द बहाली की दिशा में काम करें। कंबोज ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत मानवीय आधार पर युद्ध विराम के प्रयासों का भी स्वागत करता है।
प्रस्ताव के पक्ष में 12 वोट
पिछले हफ्ते, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पूरे गाजा में तत्काल मानवीय आधार पर युद्ध विराम का आह्वान किया ताकि गाजा पट्टी में मदद पहुंचाई जा सके। इसके लिए पंद्रह सदस्यीय परिषद ने पिछले बुधवार को एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें हमास और अन्य समूहों, विशेष रूप से बच्चों द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई के साथ-साथ तत्काल मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया था। माल्टा द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव के पक्ष में 12 वोट पड़े। इस प्रस्ताव के विरोध में कोई नहीं था। जबकि रूस, ब्रिटेन और अमेरिका ने इस प्रस्ताव से दूरी बनाई।