- 20 दिनों से रोजाना औसतन 500 लोगों में संक्रमण की पुष्टि की जा रही है।
- गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 760 नए लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई है।
नई दिल्ली । कोरोना का नया वैरिएंट JN.1, भारत सहित दुनिया के कई देशों में बढ़ता हुआ रिपोर्ट किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन सहित कई अन्य देशों में कोरोना के कारण अस्पतालों में भीड़ बढ़ी है, संक्रमितों में मौत के भी मामले सामने आ रहे हैं। भारत के नजरिए से देखें तो यहां पिछले 20 दिनों से रोजाना औसतन 500 लोगों में संक्रमण की पुष्टि की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 760 नए लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई है। JN.1 वैरिएंट अब तक देश के करीब 11 राज्यों में फैल चुका है, इससे संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 511 हो गई है। देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 4423 है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, संक्रमण का जोखिम लगातार बढ़ रहा है, जिसको लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को संक्रमण पर निरंतर निगरानी बनाए रखने के लिए कहा है। फिलहाल केरल और कर्नाटक, दो राज्यों में संक्रमितों के सबसे अधिक मामले हैं।
कोविड टास्क फोर्स का दिशा-निर्देश
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने कहा, देश में पिछले 24 घंटे में कोविड के कारण पांच मौतों की भी सूचना है। रोजाना 4-5 लोगों की मौत हो रही है हालांकि इनमें से अधिकतर लोगों में कोमोरबिडिटी की समस्या देखी जा रही है। संक्रमण के खतरे को देखते हुए कोविड टास्क फोर्स ने पॉजिटिव रिपोर्ट वालों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें सलाह दी गई है कि जिन लोगों में कोविड-19 का सकारात्मक परीक्षण होता है, वे खुद से ही पांच दिनों के लिए आइसोलेट हो जाएं। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि परिवार के बुजुर्गों और कोमोरबिड लोग घर के भीतर मास्क पहनें और संक्रमित से शारीरिक दूरी बनाए रखें।
केरल और कर्नाटक सबसे प्रभावित राज्य
देश में कोरोना की स्थिति की बात करें तो केरल और कर्नाटक सबसे प्रभावित राज्य हैं। कर्नाटक में कोविड-19 संक्रमण बुधवार को 75 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 260 हो गया। यहां पॉजिटिविटी रेट 3.46 प्रतिशत दर्ज की जा रही है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक ऑडिट में पाया गया है कि 15 दिसंबर 2023 के बाद से कोविड-19 के कारण होने वाली अधिकतक मौतें कोमोरबिडिटी के कारण हुई हैं। 10 मौतों के अध्ययन के आधार पर विशेषज्ञों ने बताया कि कोविड उन्हीं लोगों में गंभीर रोगकारक है जिनको पहले से ही कोई क्रोनिक बीमारी रही है।
कोमोरबिडिटी वाले बरतें खास सावधानी
टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए सेल्फ आइसोलेशन पर जोर दिया है। उन्होंने कहा, कोमोरबिडिटी वालों को संक्रमण से बचाने के लिए कुशल रणनीति की जरूरत होगी। ज्यादातर संक्रमितों के लक्षण हल्के हैं, पर ये अन्य लोगों के लिए कोविड वाहक हो सकते हैं, इसलिए संक्रमण से बचाव के उपायों का पालन करते रहना सभी के लिए आवश्यक है।