सिमी, पीएफआई, जेएमबी और एचयूटी के बाद अब आईएसआईएस के ट्रेनिंग सेंटर का खुलासा
जबलपुर से पकड़ाए आईएसआईएस के आतंकियों की पैठ खंडवा-बुरहानपुर में भी, कई युवक संपर्क में हैं
मुस्लिम युवकों को देश विरोधी गतिविधियों के लिए तैयार कर रहा आईएसआईएस
भोपाल। देश का दिल और शांति का टापू कहे जाने वाले मध्यप्रदेश को दहलाने और यहां की जमीन को आतंकवादियों के पनाहगार बनाने, उन्हें प्रशिक्षण देने और युवाओं की पौध को कट्टरपंथी बनाकर आतंकवादी गतिविधियों से जोडऩे का बड़ा खुलासा हुआ है। एनआईए ने दो दिन पहले भोपाल में एक साथ 13 स्थानों पर छापा मारकर आईएसआईएस के तीन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार कर कुछ लोगों से पूछताछ कर रही है। पूछताछ में जो खुलासे हो रहे हैं, वे बेहद चौकाने वाले हैं। आईएसआईएस दुनिया के सबसे खतरनाक आतंवादी संगठनों में से एक है, इसी तरह का आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) भी है।
दोनों आतंकवादी संगठनों के खिलाफ मप्र एटीएस और एनआईए ने बीते एक पखवाड़े के अंदर ही कार्रवाई की है। एनआईए जबलपुर से गिफ्तार तीनों आईएसआईएस आतंकवादियों से पूछताछ में जो खुलासा हुआ है, उसके तहत यह आतंकवादी संगठन प्रदेश में वर्षों पहले अपनी जड़े जमाने वाले प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के ठप पड़े नेटवर्क को फिर से सक्रिय कर युवाओं को आतंकवादी बनाने में लगे थे। सिमी में दिग्विजय सिंह सरकार ने प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद सिमी का सरगना सफदर नागौरी सहित करीब तीन दर्जन आतंकवादी जेल में हैं।
राज्य सरकार की सख्ती के कारण प्रदेश में वर्षों से सिमी का नेटवर्क ध्वस्त पड़ चुका है। लेकिन एचयूटी और इसके बाद आईएसआईएस के पकड़े गए संदिग्धों से पूछताछ में खुलास हुआ है कि मिसी के इसी ध्वस्त नेटवर्क को जोड़कर आतंकवादियों की नई पौध तैयार करने का खुलासा हुआ है।
पांच आतंकवादी संगठनों के ट्रेनिंग सेंटर
प्रदेश में 2000 से पहले प्रदेश में सिमी बड़ी तेजी से बढ़ा और भोपाल से लेकर उज्जैन, बुरहानपुर और खंडवा में कई युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में धकेल दिया। सिमी अपने आतंकवदियों को यहां प्रशिक्षण भी देता था। इसके बाद बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई), जमात-ए मुजाहिद्दीन (जेएमबी) और हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के बाद आईएसआईएस के नेटवर्क का खुलासा हुआ है।
जांच एजेंसियों की पूछताछ में सभी आतंकी संगठनों ने कबूला कि वे मध्यप्रदेश के अलग-अलग इलाके में ट्रेनिंग कैंप चला रहा थे। खास बात यह कि अब तक जितने आतंकी संगठन पकड़े गए हैैं, तकरीबन सभी ने सिमी की बनाई जमीन का उपयोग किया है। सभी आतंकवादी संगठनों में सिमी के प्रति साफ्ट कार्नर रखने वाले कट्टरपंथी जुड़े हुए हैं।
नेटवर्क का फायदा उठाने आईएसआईएस सक्रिय
आईएसआईएस के पकड़े गए आतंकियों ने खुलासा किया है कि विदेश में बैठे उनके आका मध्यप्रदेश को इसलिए पनाह और उत्तर भारत में बड़े केंद्र के रूप में चुना, क्योंकि यहां सिमी और पीएफआई के नेटवर्क का उन्हें फायदा मिल जाएगा। पकड़े गए आतंकियों ने पूछताछ में स्वीकार भी किया कि हममें से कई लोग सिमी और पीएफआई की विचारधारा से प्रभावित रहे हैैं और उसी के चलते आईएसआईएस से जुड़े हैैं।
जांच एजेंसी को शक है कि गिरफ्तार किए गए आतंकी सिमी और पीएफआई के लिए काम कर चुके हैैं। यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए परेशानी का सबब भी है। प्रदेश में आतंक की शुरुआती जमीन सिमी ने तैयार की थी। बाद में संगठन से जुड़े लोग आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) से जुड़ गए थे।
Terrorist organizations are using MP as a big training center.