- शीर्ष कोर्ट ने कहा आइएएस अधिकारी का झूठ बर्दाश्त नहीं
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अदालत में कैदियों की सजा माफी मामले में उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह को मंगलवार को फटकार लगाई। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि वह किसी आइएएस अधिकारी को न्यायालय के सामने झूठ बोलते हुए तथा सुविधानुसार अपना रुख बदलते हुए बर्दाश्त नहीं करेगा। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस आगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ ने कहा कि राजेश कुमार सिंह द्वारा 14 अगस्त को दिए गए शपथपत्र में लिया गया रुख उनके उन बयानों से पूरी तरह भिन्न है, जिन्हें इस अदालत के 12 अगस्त के आदेश में दर्ज किया गया है।
पीठ ने कहा, शपथपत्र के पैराग्राफ पांच के खंड (जी) में दिए गए बयान सहित शपथपत्र में दिए गए कुछ बयान झूठे प्रतीत होते हैं। राजेश कुमार सिंह ने 12 अगस्त को दलील दी थी कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के कार्यालय ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के कारण राज्य में लागू आदर्श आचार संहिता के कारण एक दोषी की सजा माफी से संबंधित फाइल के निपटारे में देरी की।
कुछ अधिकारियों को जेल जाना ही होगा
पीठ ने कहा, कुछ अधिकारियों को जेल जाना ही होगा, अन्यथा यह आचरण नहीं रुकेगा। राज्य को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी ही होगी। राजेश कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने अनजाने में यह कह दिया कि आदर्श आचार संहिता के कारण मुख्यमंत्री सचिवालय ने सजा माफी से संबंधित फाइलें स्वीकार नहीं कीं।