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- रवि कुमार को गुरुवार सुबह राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
- राजोरी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया।
- एनकाउंटर के दौरान सेना के जवान रवि कुमार ने शहादत को प्राप्त किया।
किश्तवाड़, राजोरी मुठभेड़ में शहादत को प्राप्त करने वाले सेना के जवान रवि कुमार को गुरुवार सुबह राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। बलिदानी रवि कुमार किश्तवाड़ जिले के कालीगढ़ के वसनौती गांव के रहने वाले थे। बुधवार रात करीब दस बजे उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो हर ओर से चीख पुकार मच गई। जवान रवि की शहाद से पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है। रवि की इसी साल दिसंबर में शादी होनी थी। इसके लिए घर में तैयारियां चल रही थीं। सेना के ब्रिगेडियर, जिला उपायुक्त देवांश यादव, एसएसपी किश्तवाड़ खलील पोसवाल व अन्य कई अधिकारी उनकी अंतिम विदाई में शामिल हुए। कालीगढ़ से वाहनों के जरिये शमशान घाट हस्ती तक उनके पार्थिव शरीर को ले जाया गया। इस दौरान वाहन को फूल मालाओं के साथ सजाया गया था। शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान हर आंख में गुस्सा और गम देखा गया। लोगों ने भारत मात की जय, शहीद रवि अमर रहे, आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे लगाए। राजोरी जिले के नारला क्षेत्र में दो आतंकी मारे गए। पहला आतंकी मंगलवार शाम और दूसरा आतंकी बुधवार को मार गिराया गया। दोनों आतंकियों से बड़ी मात्रा में गोला बारूद, दो एके राइफल, खाने-पीने का सामान और अन्य युद्धक सामग्री बरामद हुई है। मुठभेड़ में सेना में राइफलमैन रवि कुमार भी बलिदान हुआ। जबकि सेना की मादा लैब्राडोर केंट ने भी सर्वोच्च बलिदान दिया। बलिदानी राइफल मैन रवि कुमार को स्थानीय सैन्य मुख्यालय में बुधवार को श्रद्धांजलि दी गई। वह किश्तवाड़ के रहने वाले थे। इसके साथ ही मादा लैब्राडोर केंट को भी श्रद्धांजलि दी गई।
रवि की दिसंबर में होनी थी शादी
राजोरी में मंगलवार को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद किश्तवाड़ के राइफलमैन रवि कुमार की दिसंबर में शादी थी। घर में तैयारियां चल रही थीं। शहादत की खबर से अब हर आंख नम है। मौसम खराब होने से हेलिकॉप्टर सेवा नहीं मिली। इस कारण पार्थिव शरीर गांव नहीं पहुंच पाया। इसके बाद सेना सड़क मार्ग से रवाना हुई। वीरवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। किश्तवाड़ की पंचायत त्रिगाम के गांव वसनोति कालीगढ़ निवासी रवि कुमार सेना की 63 आरआर में तैनात थे। 22 फरवरी 1997 को जन्मे रवि कुमार 2016 में सेना में भर्ती हुए थे। पिता सुभाष चंद्र ने बताया कि रवि छुट्टी काटकर 28 अगस्त को राजोरी ड्यूटी पर लौटा था। 29 अगस्त को ज्वॉनिंग डाली थी। किसे पता था कि बेटा आखिरी बार छुट्टी पर आया था।
तीन और चार दिसंबर को थी शादी
पिता सुभाष चंद्र ने बताया कि रवि कुमार का विवाह तीन और चार दिसंबर को था। सरथल इलाके के गांव में रिश्ता तय हुआ था। घर में विवाह की तैयारियां चल रही थीं। लेकिन, कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। पूरे इलाके में मातम है।