एक माह में न चॉइस फिलिंग हुई न नियुक्ति दी गई
भोपाल। सतपुड़ा भवन में 12 जून को लगी आग ने प्रदेश के नव चयनित दंत चिकित्सकों की भर्ती के बाद नियुक्ति आदेश की प्रक्रिया लटका दी है। सरकार ने 10 साल बाद दंत चिकित्सकों की भर्ती निकाली और परीक्षा ली गई पर अब नियुक्ति पत्र जारी करने में आनाकानी की जा रही है। चयनित डॉक्टर्स का कहना है कि नियुक्ति के पहले भर्ती प्रक्रिया में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने देरी की और अब सरकार भी उनकी नियुक्ति को लेकर के टाल मटोल भरा जवाब दे रही है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा एक माह पहले अंतिम परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया था लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चॉइस फिलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। अभ्यर्थियों ने इसको लेकर के कमिश्नर स्वास्थ्य के ऑफिस में जाकर ज्ञापन भी दिया लेकिन सीधा जवाब कहीं पर नहीं मिला।
दूसरी परीक्षाओं में हो गई नियुक्ति
बताया गया है कि शिशु रोग विशेषज्ञ और जनरल सर्जरी डॉक्टर का अंतिम परीक्षा परिणाम आए हुए सात दिन भी नही हुए और उनकी नियुक्ति भी दे दी गई है लेकिन सरकार दंत चिकित्सकों के साथ छलावा कर रही है। यह बात भी सामने आई है कि कुछ समय पहले सरकार के द्वारा 40 करोड़ का बजट भी दंत चिकित्सकों के यूनिट व प्रयोगशाला उन्नति करण के लिए जारी किया गया है लेकिन बिना डॉक्टरों की यही यूनिट कौन चलाएगा यह भी चर्चा में है। अभ्यर्थियों की मांग है कि जल्द सरकार के द्वारा चॉइस फिलिंग की प्रक्रिया शुरू की जाए और अंतिम नियुक्ति दी जाए।
Satpura fire stopped appointment of dentists.