दोपहर एक बजे के बाद उच्च स्तरीय जांच टीम जाएगी मौका करने
मुख्यमंत्री ने ली उच्च स्तरीय बैठक, कारणों के साथ नुकसानी का आंकलन शुरू
छठवें फ्लोर के कुछ कमरो में मंगलवार 9:30 बजे फिर भभक उठी आक
भोपाल। सोमवार शाम करीब चार बे सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल पर स्थित आदिम जाति क्षेत्रीय विकास परियोजना कार्यालय में लगी आग ने इतना विकराल रूप ले लिया कि 16 घंटे बाद बुझाई जा सकी। हालांकि 16 घंटे बाद भी किसी-किसी कमरे से एसी के अंदर से और फाइलों से आग सुलगती जा रही है। मंगलवार सुबह 9:30 बजे सतपुड़ा भवन के छठवें मंजिल पर फिर से आग भड़क उठी। भोपाल, इंदौर और आसपास के जिलों की कुल 34 दमकलें रातभर आग बुझाने में लगी रहीं।
आग एक तरफ बुझती तो दूसरी तरफ फिर से धधकने लगती
मुख्यमंत्री ने आज सुबह आग के कारणों का पता लगाने और कार्यालयों को दोबारा से व्यवस्थित संचालन के लिए उच्च स्तरीय बैठक ली है। बैठक के बाद अपर अपर मुख्य सचिव गृह विभाग डॉ. राजेश राजौरा सतपुड़ा भवन का निरीक्षण करने पहुंचे और कहा कि दोपहर एक बजे तक आग पूरी तरह बुझाने के बाद टीम जांच शुरू करेगी।
हजारों फाइलें जलकर खाक
प्रदेश के दर्जन भर से अधिक विभागों के संचालनालय वाले सतपुड़ा भवन के चार मंजिल जलकर खाक हो गए हैं। जिन कार्यालयों के दस्तावेज जलकर खाक हुए हैं उसमें आदिम जाति क्षेत्रीय विकास परियोजना, परिवहन और स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय सतपुड़ा भवन के तीसरी मंजिल से लेकर छठवीं मंजिल तक हैं, जो अधिकांश आग की चपेट में हैं।
सोमवार शाम 4 बजे से शुरू हुई आग मंगलवार सुबह 8 बजे तक टीम आग पर काबू पा चुकी थी, लेकिन 6वें फ्लोर से धुआं उठ रहा है। सुबह 9:30 बजे आग छठवें फ्लोर पर फिर भड़क उठी थी।
चार हजार कर्मचारी थे घटना के समय
प्रदेश के गृह मंत्री ने डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सतपुड़ा भवन में जब आग लगी है, तब करीब चार हजार कर्मचारी पूरे सतपुड़ा भवन के कार्यालयों में मौजूद रहे। बड़ी तेजी से कर्मचारियों को बाहर निकाला गया, जिससे कोई जनहानि न हो सके।
फाइलें रिकवर हो जाएंगी, समय लगेगा
मुख्यमंत्री निवास में संपन्न हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि डिजिटल युग में दस्तावेज नष्ट करना संभव नहीं है। थोड़ा समय लगेगा, लेकिन जल्द पूरा बैकअप क्रिएट कर लिया जाएगा। आज शाम से वैकल्पिक दफ्तर शुरू हो जाएंगे। कल से कर्मचारी काम शुरू कर देंगे। कांग्रेस के आरोप पर बोले- कैसे कोई पेट्रोल-केरोसिन ले जाएगा। कांग्रेस हादसों पर राजनीति करती है। जहां चार हजार कर्मचारी काम कर रहे हों, वहां कोई आग कैसे लगा सकती है।
कुछ कहना जल्दबाजी होगी
सतपुड़ा भवन का निरीक्षण करने पहुंचे एसीएस गृह डॉ. राजेश राजौरा ने कहा कि प्रारंभिक जायजा लिया है। अभी आग लगने के कारणों पर कुछ कहना जल्दबाजी होगा। सभी मंजिलों पर आग पर काबू पा लिया गया है। 6वीं मंजिल पर धुआं निकल रहा है। हम दोपहर 1 बजे से अपनी जांच शुरू करेंगे। भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है, हमारी प्राथमिकता थी कि कोई जनहानि न हो और आसपास के इलाकों में आग न फैले।
मुख्यमंत्री ने पूरे समय इस घटना की मॉनिटरिंग की। केंद्र सरकार से आर्मी की भी मदद ली गई। सभी एजेंसीज- सेना, सीआईएसएफ, भेल, एयरपोर्ट अथॉरिटी के प्रयासों से आग काबू में है।
वायुसेना से भी मदद मांगी थी
आग के विकराल रूप लेने के बाद देर रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात कर वायुसेना की मदद मांगी थी। हालांकि वायुसेना की मदद सुबह तक भोपाल नहीं पहुंच सकी और आग पर काबू पा लिया गया है। मंगलवार सुबह 6 बजे सतपुड़ा भवन की छठवीं मंजिल पर धधक रही थी।
Satpura building extinguished after 16 hours, smoke still coming out of many rooms.