केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए संसद भवन में अपने सम्बोधन में कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता का भारत के औद्योगिक और तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री ने सदन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-3 मिशन के बारे में जानकारीदेते हुए बताया, “1975 में, हमने सोवियत संघ (यूएसएसआर) की मदद से अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट लॉन्च किया। अब, चंद्रयान-3 की सफलता का भारत के औद्योगिक और तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने आगे कहा हालाँकि हमें अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट लॉन्च करने के लिए सोवियत संघ से मदद की ज़रूरत थी, लेकिन अब हमने जुलाई 2023 तक अन्य देशों के लिए 431 विदेशी उपग्रह लॉन्च किए हैं। चंद्रयान-3 परियोजना में इसरो के नवोन्मेषी विकल्पों की भी सराहना की, जैसे ऐसा मार्ग चुनना जो परियोजना को पूरा करने के लिए लागत प्रभावी और टिकाऊ तरीका प्रदान करता हो।
गौरतलब है, संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर बहस हुई, जबकि राज्यसभा में चंद्रयान -3 की चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट-लैंडिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत की अंतरिक्ष यात्रा पर चर्चा हुई। 23 अगस्त को चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने के साथ ही भारत ने एक बड़ी छलांग लगाई, जिससे यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश बन गया और चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग पर निराशा भी खत्म हो गई।