187
- अयोध्या में श्रीराम की जन्म स्थली में भव्य मंदिर का निर्माण जारी है.
- जनवरी 2024 में राम लल्ला इस मंदिर में विराजमान होंगे.
रोहतक. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अयोध्या में श्रीराम की जन्म स्थली में भव्य मंदिर का निर्माण जारी है और जनवरी 2024 में राम लल्ला इस मंदिर में विराजमान होंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा असंभव लगने वाले कार्यों को भी पूर्ण करवाया है. इसी प्रकार काशी विश्वनाथ के पुनर्निर्माण के अलावा केदारनाथ व कश्मीर में शारदा पीठ की पुनर्स्थापना का कार्य किया है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नई संसद के भवन पर चौल शासकों के सेंगोल को स्थापित किया गया है. अमित शाह बाबा मस्तनाथ मठ में ब्रह्मलीन महंत चांदनाथ योगी की स्मृति में शंखढाल व मूर्ति स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गत 9 वर्षों के दौरान केंद्र सरकार ने पुनर्जागरण का कार्य करते हुए सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने का कार्य किया है. सरकार की ओर से लिए गए अनेक महत्वपूर्ण फैसलों के परिणामस्वरूप देश आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने संत महात्माओं को देश की नीति निर्धारित करने में हिस्सेदारी देते हुए संसद व विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व दिया है. उन्होंने कहा कि हाल ही में सम्पन्न हुए एशियन गेम्स में देश के खिलाडिय़ों ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के सौ वर्ष पूर्ण होने पर भारत खेलों में भी सर्वप्रथम देश बन जाएगा. उन्होंने हरियाणा के खिलाडिय़ों की उपलब्धियों की भी प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों दिल्ली में सम्पन्न हुए जी-20 सम्मेलन में विपरित परिस्थितियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखे गए दिल्ली घोषणा पत्र को पारित कर देश का मान बढ़ाया है. केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने महंत चांदनाथ को याद किया. उन्होंने कहा कि महंत चांदनाथ योगी ने कर्मयोग की शिक्षा दी है, जिसके अनुसार कर्म करने से ही जीवन को सुधारा जा सकता है. नाथ सम्प्रदाय के संत महात्माओं ने सनातन परम्परा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि श्रीबाबा मस्तनाथ मठ द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में भी विशेष योगदान दिया जा रहा है. उन्होंने पतंजलि के विभिन्न सूत्रों का भी वर्णन किया.