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- भारत में लड़ाकू विमान के इंजन का सह-निर्माण करने पर विचार कर रही है।
- भारत में रक्षा हार्डवेयर के विनिर्माण के बाद इसे अन्य देशों में निर्यात किया जा सकता है।
पेरिस। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इन दिनों विदेश दौरे पर हैं। इटली का यात्रा पूरी करने के बाद वह फ्रांस पहुंचे। यहां उन्होंने पेरिस के पास फ्रांसीसी कंपनी सफरान की जेट इंजन विनिर्माण इकाई का दौरा किया और एयरो-इंजन प्रौद्योगिकी में नवीनतम विकास को बारीकी से समझा। राजनाथ सिंह का यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि सफरान बड़ी साझेदारी के तहत भारत में लड़ाकू विमान के इंजन का सह-निर्माण करने पर विचार कर रही है। इसके अलावा, राजनाथ ने पेरिस में शीर्ष फ्रांसीसी रक्षा कंपनियों के सीईओ के साथ भी बातचीत की और उन्हें भारत में रक्षा हार्डवेयर के सह-विकास और सह-उत्पादन के फायदों को बताया। उन्होंने कहा कि भारत में रक्षा हार्डवेयर के विनिर्माण के बाद इसे अन्य देशों में निर्यात किया जा सकता है। दिल्ली में रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राजनाथ सिंह ने पेरिस के पास गेनेविलियर्स में सफरान इंजन डिवीजन के अनुसंधान एवं विकास सेंटर का दौरा किया और एयरो-इंजन प्रौद्योगिकी में नवीनतम विकास को देखा। बयान में कहा गया है कि सफरान के वैश्विक सीईओ ओलिवियर एंड्रीज ने रक्षा मंत्री का इकाई में स्वागत किया और अपनी टीम के साथ उन्हें विस्तृत जानकारी दी। मंत्रालय ने बयान में कहा कि सफरान ने संयुक्त परियोजनाओं पर भारतीय कंपनियों के साथ काम करने और भारत के रक्षा विनिर्माण विकास का हिस्सा बनने में रुचि व्यक्त की। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सिंह ने शीर्ष फ्रांसीसी रक्षा कंपनियों के सीईओ से भी मुलाकात की और भारत के साथ सहयोग की योजनाओं पर चर्चा की। बैठक में डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर, नेवल ग्रुप के सीईओ पियरे एरिक पॉमलेट, एयरबस के सीआई गिलाउम फाउरी और सफरान के एंड्रीज मौजूद थे। राजनाथ सिंह ने अन्य देशों को निर्यात की संभावनाएं सहित भारत में रक्षा उत्पादन के फायदों पर प्रकाश डाला।