साउथ कोरिया में कुत्ते का मीट खाने पर पाबंदी लगने वाली है। रूलिंग पार्टी के पॉलिसी चीफ यू यूई-डोंग ने इसकी घोषणा की। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, साउथ कोरिया में डॉग मीट खाने को लेकर दुनियाभर में लंबे समय से विवाद जारी है। एनिमल राइट्स संगठन भी इसका विरोध करते रहते रहे हैं। एनिमल वेलफेयर इंस्टिट्यूट के मुताबिक, देश में हर साल 20 लाख कुत्तों को मार दिया जाता है। वहीं हर साल करीब 1 लाख टन डॉग मीट खाया जाता है। यहां अब धीरे-धीरे कुत्ते खाने वाले लोगों की संख्या कम हो रही है। सरकार 2027 तक कुत्ता खाने पर पूरी तरह से बैन लगाने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार इसी साल बिल लेकर आएगी।
नहीं बिकेगा कुत्ते का मीट
पॉलिसी चीफ ने कहा इस कानून की वजह से जिन भी किसानों, कसाइयों और दूसरे लोगों को बिजनेस में नुकसान होगा, उनकी सरकार पूरी मदद करेगी। ये मीट बेचने वाले रजिस्टर्ड किसानों, रेस्तरां कर्मचारियों और दूसरे लोगों को मुआवजा दिया जाएगा। इससे पहले भी कई बार साउथ कोरिया में एंटी डॉग मीट बिल लाया जा चुका है। हालांकि, इस बिजनेस में शामिल लोगों की तरफ से विरोध को देखते हुए ये पास नहीं हो पाया। रॉयटर्स के मुताबिक, नए बिल में 3 साल का ग्रेस पीरियड और आर्थिक मदद का प्रावधान जोड़ा जा रहा है।
फर्स्ट लेडी ने आवारा कुत्तों को गोद लिया
साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक यिओल की पत्नी और फर्स्ट लेडी किम किओन ही भी लंबे समय से कुत्ते के मीट को खाने का विरोध करती आई हैं। उन्होंने राष्ट्रपति के साथ मिलकर कई आवार कुत्तों को गोद भी लिया है। दूसरी तरफ एनिमल राइट्स ग्रुप ने इस फैसले का स्वागत किया है। ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल ने कहा- जिन लोगों ने भी इस मुहिम के लिए काम किया उनके लिए ये एक सपना पूरे होने जैसा है।
1150 कुत्तों के हैं फॉर्म
साउथ कोरिया के सरकारी आंकडों के मुताबिक, देश में करीब 1150 कुत्तों के लिए बने फार्म हैं। करीब 1600 रेस्तरां ऐसे हैं, जहां डॉग मीट परोसा जाता है। मीट निकालने के लिए 34 स्लॉटर हाउस हैं और करीब 219 कंपनियां डॉग मीट बेचने का काम करती हैं।