भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में वकीलों द्वारा बेवजह मामले टालने की मांग करने पर नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई। फिल्म से सनी देओल का डायलॉग बोलते हुए उन्होंने कहा कि कोर्ट को ‘तारीख पे तारीख’ कोर्ट न बनाएं। उन्होंने कहा, “मैं बार सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि तब तक स्थगन न मांगें जब तक कि वास्तव में आवश्यक न हो। मैं नहीं चाहता कि यह कोर्ट तारीख पे तारीख कोर्ट बन जाए।”
उन्होंने कोर्ट में बताया कि अकेले एक दिन में 178 स्थगन याचिकाएं दाखिल की गई थीं। उन्होंने कहा कि हर दिन औसतन 154 स्थगन पत्र प्रसारित किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सितंबर और अक्टूबर के बीच मामलों की शीघ्र सुनवाई के लिए उल्लेख किए जाने के बावजूद 3,688 स्थगन पर्चियां प्रसारित की गईं। उनके अनुसार, यह प्रथा उस तत्परता के बिल्कुल विपरीत है, जिसके साथ अक्सर मामलों को जल्द सुनवाई के लिए उल्लेखित किया जाता है।
उन्होंने आगे कहा “मैं देख रहा हूं कि फाइलिंग से लिस्टिंग तक की अवधि कम हो रही है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन के समर्थन के बिना इसे हासिल नहीं कर सकते।” मुख्या न्यायाधीश की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है, जब देश की कोर्ट में सालों से करोड़ों मामले लंबित पड़े हैं। खुद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने जानकारी दी कि विभिन्न कोर्ट में 5.02 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं।