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- ओडिशा ट्रेन हादसे का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
- रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में गठित पैनल से कराने की मांग की गई है।
- कवच प्रणाली को लेकर भी दिशा-निर्देश देने को कहा गया है।
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ पैनल द्वारा बालेश्वर ट्रेन दुर्घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। जनहित याचिका में कवच नामक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश / निर्देश भी मांगे गए हैं। ओडिशा के बालेश्वर में हुए ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1000 से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह हादसा बाहानागा बाजार स्टेशन पर तीन ट्रेनों बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी के आपस में टकराने की वजह से हुआ।
प्रधानमंत्री ने रेल मंत्री को फोन कर मरम्मत कार्य का लिया जायजा
रेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बालासोर ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना स्थल पर बहाली कार्य की प्रगति का जायजा लेने के लिए फोन किया। वैष्णव दुर्घटनास्थल पर मौजूद हैं और बहाली कार्य का जायजा ले रहे हैं। इससे पहले आज वैष्णव ने कहा था कि ओडिशा के बालासोर में बहाली का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।
प्रधानमंत्री ने दुर्घटनास्थल पर स्थिति का लिया जायजा
प्रधानमंत्री ने शनिवार को खुद ओडिशा के बालासोर में दुर्घटनास्थल पर जाकर स्थिति का जायजा लिया था। इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी थे।
दोषियों को बख्शा नहीं जाएगी
दुर्घटनास्थल का दौरा करने के बाद, प्रधानमंत्री ने फकीर मोहन अस्पताल, बालासोर का दौरा किया, जहां कुछ घायल यात्रियों को भर्ती कराया गया है। हादसे में जीवित बचे लोगों से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषी पाए जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। हादसे की समीक्षा के लिए पीएम मोदी ने एक हाईलेवल मीटिंग भी बुलाई थी.