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- नूंह हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है.
- नूंह हिंसा में कुल 44 एफआईआर दर्ज की गई है.
नई दिल्ली. हरियाणा के नूंह जिले में सोमवार को हुई हिंसा के बाद अब स्थिति थोड़ी सामान्य होती हुई नजर आ रही है. हालांकि तनाव का माहौल अभी भी बना हुआ है. इसलिए एहतियात के तौर पर पुलिस और केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है. 5 अगस्त तक इंटरनेट सेवा पर पाबंदी लगा दी गई है. इस बीच हिंसा वाले दिन की अलग-अलग कहानियां सामने आ रही हैं. इस हिंसा को लेकर कुल 41 एफआईआर दर्ज की गई है. इसी दौरान एक महिला सिविल जज जो अपने घर लौट रही थीं. तब उनकी गाड़ी पर भी हमला किया गया था. अपनी बेटी के साथ सफर कर रही महिला जज ने किसी तरह अपनी जान बचाई, इसकी पूरी कहानी सामने आई है. 48 वर्षीय अदालत के अधिकारी टेकचंद, ने कहा, ‘वह अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंजलि जैन, उनकी बेटी और गार्ड सिया राम के साथ नलहर में शहीद हसन खान मेवाती सरकारी मेडिकल कॉलेज से लौट रहे थे, जब उन्होंने 100-150 लोगों की भीड़ देखी. जो वाहनों में आगजनी और पथराव कर रहे थे. इस बीच अचानक एक पत्थर हमारी कार के पिछले शीशे पर आ लगा और दंगाइयों ने गोलीबारी शुरू कर दी. गोलियों की आवाजें और भी डरावनी थीं.’ टेकचंद ने कहा कि उन पर हमला होने के डर से उन्होंने कार छोड़ दी और दिल्ली-अलवर रोड पर हरियाणा रोडवेज वर्कशॉप में शरण ली. उन्होंने कहा, “स्थिति तनावपूर्ण थी और हमें अपनी जान का ख़तरा था. एक छोटी बच्ची हमारे साथ थी. कुछ भी हो सकता था. हर जगह आग थी. वाहनों में आग लगा दी गई और भीड़ उग्र हो गई.” टेकचंद ने कहा कि भीड़ के कार तक पहुंचने से पहले वे अपनी जान बचाने के लिए भागे. उन्होंने कहा, “मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि मैडम [जैन] और उनकी बेटी सुरक्षित रहें और घर पर सुरक्षित रहें. वर्कशॉप के अंदर छुपने के अलावा कोई चारा नहीं था. स्थिति सामान्य होने के बाद, हमने स्थानीय वकीलों को सूचित किया जो हमारे बचाव में आए. उन्होंने कहा कि वे जब लौटे तो पाया कि कार जल चुकी थी. [हम] पहचान नहीं सके कि यह [जली हुई कार] जज की निजी वोक्सवैगन पोलो कार थी.