- एनआईए दिल्ली में दर्ज किए गए प्रकरण के सिलसिले में की कार्रवाई
भोपाल। देश के प्रतिवंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार तड़के तकरीबन चार बजे भोपाल के 12 ठिकानों पर छापा मारा है। इस कार्रवाई के दौरान एक दर्जन से अधिक संदेहियों को हिरासत में लिया गया है। तकरीबन 11 घंटे की पूछताछ के बाद एनआईए ने एक महिला और उसके देवर को छोड़ दिया है। कई अन्य संदेहियों को भी छोड़ दिया गया है। अभी पांच लोग एनआईए की हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है। भोपाल के जहांगीराबाद इलाके में जिस मकान में छापा मारा गया है, वह फिल्म अभिनेता रजा मुराद के रिश्तेदार का है। उनके रिश्तेदार ने मकान किराए पर दिया था।
एनआईए की छापामार कार्रवाई भोपाल के जहांगीराबाद, ऐशबाग, अशोका गार्डन और गांधीनगर इलाके में की गई है। यह कार्रवाई दिल्ली और रायपुर की टीम ने की है। सूत्रों की माने तो भोपाल से पीएफआई से जुड़े आतंकियों के मामले में दिल्ली एनआईए ने प्रकरण दर्ज किया था। मामले में कई आरोपियों को गिर तार किया गया था। पीएफआई के कुछ संदेहियों के भोपाल में होने की जानकारी जांच एजेंसी को मिली थी। उसी आधार पर छापामार कार्रवाई कर उनसे पूछताछ की गई है। एनआईए को यह जानकारी एक अन्य आरोपी से हुई पूछताछ के बाद मिली है। आरोपी का ताल्लुक छत्तीसगढ़ से है। एनआईए की टीम आरोपी को लेकर शनिवार को देर रात भोपाल आई। उसकी निशानदेही पर जांच एजेंसी ने भोपाल में दबिश दी है और संदेहियों को हिरासत में लिया है। जांच एजेंसी ने जिन संदेहियों को हिरासत में लिया था, उनमें भोपाल के जहांगीराबाद में रहने वाली महिला समीना और उसके देवर शोएब भी शामिल हैं। समीना और उसका परिवार जहांगीराबाद में किराए के मकान में रहता है। यह मकान फिल्म अभिनेता रजा मुराद के दामाद के छोटे भाई का है। समीना और उसका परिवार उस मकान में डेढ़ साल से रह रहा है। जांच एजेंसी ने मुजाहिद नाम के एक युवक को भी पकड़ा है। मुजाहिद भी जहांगीराबाद में रहता है। वह समीना का रिश्तेदार बताया जा रहा है। वह भी किराए के मकान में रहता है। मुजाहिद और बाकी लोगों से एनआईए की टीम पूछताछ कर रही है। छोड़े जाने के बाद शोएब ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया। समीना के परिवार का कहना है कि उसे कभी संदिग्ध गतिविधियों में नहीं देखा गया। वह दवाएं बनाने का काम करती है और ऑनलाइन सेल करती है। एनआईए ने उसे क्यों पकड़ा, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया सलमान
एमपी एटीएस और दिल्ली की एनआईए टीम ने मई में मध्यप्रदेश और तेलंगाना में एक साथ छापा मारकर हिज्ब उत-तहरीर (एचयूटी) के 16 आतंकियों को गिर तार किया था। इनमें दस आरोपी भोपाल, एक छिंदवाड़ा और पांच हैदराबाद से पकड़े गए थे। उनकी पूछताछ में हैदराबाद के सलमान का नाम आया था। बाद में प्रकरण जांच के लिए एनआईए को दे दिया गया था। सलमान को जांच एजेंसी ने हैदराबाद से गिर तार किया है। वह राजेंद्र नगर छुपा था। सलमान इस मामले का 17वां आरोपी है। सूत्र बताते हैं कि आज की गई एनआईए की कार्रवाई से भोपाल से गिर तार किए गए आतंकियों से भी कडिय़ां जुड़ रही हैं। इसी आधार पर दिल्ली की एनआईए टीम ने भोपाल में डेरा डाल रखा है। सलमान एचयूटी का सक्रिय सदस्य है। वह हैदराबाद में एचयूटी को लीड कर रहा था और भोपाल से गिरफ्तार किए गए सलीम के सीधे संपर्क में था।
मामले में एमपी के आबकारी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध
पीएफआई से जुड़े इस मामले में मध्यप्रदेश के एक आबकारी अधिकारी की भूमिका को संदिग्ध भी माना जा रहा है। बताते हैं कि पकड़े गए कुछ संदेहियों से आबकारी अधिकारी के तार जुड़े हुए हैं। शिकायतों के आधार पर अधिकारी को कुछ दिनों पहले सरकार ने सिंगल आदेश से जिलों से हटाया था। सूत्र बताते हैं कि अधिकारी ने कुछ संदिग्ध लोगों को फंडिंग की थी और इसकी जानकारी एनआईए तक पहुंची है। एनआईए अभी संदिग्धों से पूछताछ कर रही हैं और फंडिंग के तथ्यों की पड़ताल कर रही है। जांच से जुड़े अफसरों की माने तो इस बारे में अंतिम फैसला तथ्यों के आधार पर होगा।
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