गृह मंत्री ने कहा झूठ बोलकर प्रदेश को बदनाम करने का काम कर रही है कांग्रेस
भोपाल। कांग्रेस के पटवारी चयन परीक्षा में धांधली के आरोपों पर आज गृह मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया। उन्होनें आरोपों पर बिन्दुवार जवाब देते हुए कहा कि जो कांग्रेस पर्चियों पर नौकरी देती थी वह आधुनिक परीक्षा प्रणाली पर सवाल उठा रही है। पार्टी का ही एक पदाधिकारी जो इस परीक्षा में फेल हो गया उसे मोहरा बना कर कांग्रेस नेता झूठ फैला रहें है। प्रदेश के नौजवानों को बदनाम करने का प्रयास वह लोग कर रहें है। जिन्होने अपनी 15 महीने की सरकार में 15 लोगों को भी नौकरी नही दी।
गृह मंत्री डॉ मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस पटवारी चयन परीक्षा में धांधली का आरोप झूठे तथ्यों पर लगा रही है। गृह मंत्री डॉ मिश्रा ने कहा कि पटवारी चयन परीक्षा में धांधली का आरोप कांग्रेस झूठे तथ्यों पर लगा रही है। उसके जो भी आरोप है वह झूठे है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ग्वालियर के एक ही सेंटर से सात लोग मेरिट में आये जबकि सत्य यह है कि इन सातों ने एक शिफ्ट में परीक्षा ही नही दी।
कमलनाथ जी,दिग्विजय सिंह व अरुण यादव जी जिस सेंटर में धांधली का आरोप लगा रहे है वहा और हर सेंटर में परीक्षार्थी के हर क्लिक का रिकार्ड है।
सीसीटीवी कैमरे भी परीक्षार्थी की हर गतिविधियों पर नज़र रखते है। आप लिखित रिकार्ड में मांगे जबानी जमा खर्च से काम नही चलेगा। डॉ मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं का यह भी आरोप है कि हिंदी में साइन करने वाले पास हो गए। कितना शर्मनाक है कि देश मे हिंदी में हस्ताक्षर करने पर सवाल उठाए जा रहे है । लुटियंस में घूमने वाले इटालियन संस्कृति के पैरोकार हिंदी पर सवाल तो उठायंगे ही लेकिन यहां भी कांग्रेस का झूठ बेनकाब हो गया है हिंदी में साइन करने वाले किसी भी परीक्षार्थी के अंग्रेजी में 25 में से 25 नंबर नही आये है।
कांग्रेस ने एक और झूठ बोला है। उसका कहना है कि ब्लैक लिस्टेड कंपनी को परीक्षा का काम दिया गया लेकिन सच यह है कि परीक्षा संचालित करने वाली कंपनी देश की प्रतिष्ठित कंपनी है जो आईआईटी व नीट जैसे एक्जाम करवाती है। कांग्रेस ने एक झूठ और बोला है उसका कहना है कि ग्वालियर के सेंटर से हज़ारों परीक्षार्थी पास हुए जबकि सच यह है कि उस सेंटर से मात्र 114 लोग ही पास हो सके है।
जबकि वहाँ परीक्षा 10 हज़ार से ज्यादा लोगो ने दी थी। इससे ज्यादा लोग तो अन्य जिलों के सेंटरों से हुए है। ग्वालियर में केवल 5% तो भोपाल में 42% से अधिक परीक्षार्थी पास हुए है।
यह सब वह झूठ है जो कांग्रेस बोलकर प्रदेश को न केवल बदनाम कर रही है बल्कि प्रतिभावान नौजावनो का अपमान भी कर रही है।वैसे भी कमलनाथ जी व कांग्रेस नेताओं ने ग्वालियर को बदनाम करने के पहले भी प्रयास किये है ।धांधली का आरोप लगाने वाले यह कमलनाथ जी ,दिग्विजय सिंह ,अरुण यादव वो ही लोग है जिन्होंने अपनी अपनी 15 महीने की सरकार में एक भी नौजवान को नौकरी नही दी थी।
इनके लिए तो ढोर चराना, बैंड बजाना ही नौकरी थी। आज जब शिवराज सरकार एक लाख लोगों को नौकरी देने का लक्ष्य पूरा करने जा रही है तो इन कांग्रेसी नेताओं को प्रसव वेदना जैसी पीड़ा रही है।