190
- पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर लगभग पिछले तीन महीने से हिंसा की चपेट में है।
- नागा होहो ने विधायकों को विधानसभा सत्र में शामिल नहीं होने के निर्देश।
- कुकी जनजातियों की शीर्ष संस्था ने रैलियों को दिया समर्थन।
इंफाल । पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर लगभग पिछले तीन महीने से हिंसा की चपेट में है। राज्य में शांति की बहाली के लिए केंद्र सरकार ने केंद्रीय सुरक्षाबलों को भेजा है, साथ ही सरकार शांति स्थापित करने के लिए वार्ताएं कर रही है। केंद्र सरकार और नागा समूहों के बीच शांति वार्ता के लिए दबाव बनाने के लिए मणिपुर के नागा बुधवार (9 अगस्त) को अपने क्षेत्रों में रैलियां निकालेंगे। बुधवार सुबह 10 बजे से तमेंगलोंग, सेनापति, उखरूल और चंदेल जिलों के जिला मुख्यालयों में नागा निकाय यूनाइटेड नागा काउंसिल (UNC) ने रैलियां बुलाई है, जिसको देखते हुए पूरे मणिपुर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। यूएनसी ने एक बयान में कहा, “अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर करने में ज्यादा देरी चिंता का कारण है और इससे शांति वार्ता पटरी से उतरने की संभावना है।”
रैलियों में भाग लेने की अपील
यूनाइटेड नागा काउंसिल ने सभी नागाओं से बड़ी संख्या में रैलियों में भाग लेने की अपील की है। अपील में कहा गया है कि 3 अगस्त 2015 को केंद्र और एनएससीएन (आईएम) के बीच ऐतिहासिक फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर के साथ शांति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
कुकी जनजातियों की शीर्ष संस्था ने रैलियों को दिया समर्थन
इस मुद्दे का समर्थन करते हुए, कुकी जनजातियों की शीर्ष संस्था कुकी इंपी मणिपुर (KIM) ने नागा-बसे हुए क्षेत्रों में रैलियों को अपना समर्थन दिया है। केआईएम के एक बयान में कहा, “ऐसे महत्वपूर्ण समय में जब मणिपुर के जनजातीय कुकियों को राज्य मशीनरी द्वारा गुप्त रूप से सहायता प्राप्त और प्रोत्साहित किए जाने वाले बहुसंख्यक मैतेइयों द्वारा किए जा रहे जातीय सफाए का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, कुकी इंपी मणिपुर में यूनाइटेड नागा काउंसिल की आयोजित की गई प्रस्तावित सामूहिक रैलियों का पूरी तरह से समर्थन करता है।”
विधायकों को विधानसभा सत्र में शामिल नहीं होने के निर्देश
वहीं, नागा जनजातियों के एक शक्तिशाली नागरिक निकाय नागा होहो ने मणिपुर के 10 नागा विधायकों को 21 अगस्त से प्रस्तावित विधानसभा सत्र में शामिल नहीं होने के लिए कहा है। उनका दावा है कि मणिपुर सरकार नागा समूहों के साथ शांति वार्ता के खिलाफ काम कर रही है। समुदाय के नेताओं के अनुसार, मणिपुर में जारी जातीय हिंसा को देखते हुए ज्यादातर कुकी विधायकों की उनकी पार्टी से संबद्धता के बावजूद मणिपुर विधानसभा सत्र में भाग लेने की संभावना नहीं है। 60 सदस्यों की संख्या वाले मणिपुर विधानसभा में कुकी-ज़ोमी के 10 विधायक हैं, जिनमें सात बीजेपी, दो कुकी पीपुल्स एलायंस और एक निर्दलीय विधायक हैं।