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युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है मोहम्मद शमी का जीवन, जिंदगी में हजारों कठिनाइयों बाद भी नहीं मानी हार

मोहम्मद शमी एक भारतीय क्रिकेटर जो देश के बच्चों से लेकर युवाओं के बीच अपने क्रिकेट खेलने के अंदाज को लेकर प्रसिद्ध है। उन्हे अपनी जिंदगी में यह मुकाम पाने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया है। लेकिन वह कहते हैं ना कि हीरा जितना घिसता है वह उतना ही चमकता है कुछ ऐसे ही मोहम्मद शमी की भी जिंदगी है वह जितना घिसे उतना ही और चमक के लोगो के सामने आए। अपने जिंदगी में कई ऐसे चुनौतियों को सहा है जिससे आम तौर पर लोग डिप्रेस्ड या बीमार हो जाते है उसकी जिंदगी में कई ऐसे पल आए जब वह अपनी किस्मत को कोसता जरूर रहा, लेकिन उसने बिना किसी से शिकायत करें अपने सपने को टूटने नहीं दिया। जिद्द, लगन और काबिलियत ऐसी कूट-कूटकर भरी हुई कि वर्ल्ड में उसने अपनी छवि विलेन से एक हीरो में बदल दी। यह एक ऐसे क्रिकेटर हैं जो सिर्फ अपने खेल पर ही ध्यान देते है और उन्होंने हाल ही में इसका नजारा पूरी दुनिया को दिखा दिया। पर उन्होंने इन चीजों से हर न मानते हुए इस बार एक शानदार कमबैक कर पूरी दुनिया को अपनी मजबूती का पहचान दे दिया है। आइए आपको बताते है मोहम्मद शमी ने अपने जिंदगी में कितना संघर्ष किया है।

पिता के अधूरे सपने को पूरा किया मोहम्मद शमी ने

मोहम्मद शमी आज जिस मुकाम पर है और आज उनके पास जो रुतबा है उसे कमान उनके लिए बेहद आसान नहीं था। मोहम्मद शमी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव अमरोहा के एक गांव सहसपुर अली नगर के मामूली परिवार में जन्मे थे। उनके पिता तौसीफ अली एक कृषि थे। पर मोहम्मद अली को शुरुआत से ही क्रिकेट में काफी ज्यादा रुचि थी। स्वयं उनके पिता तौसीफ अली तेज गेंदबाजी तेज गेंदबाजी के शौकीन थे। मगर परिवार की जिम्मेदारियां के चलते उन्हें अपना यह शौक बीच में ही छोड़कर खेतों के कामों में लगाना पड़ा पर वह चाहते थे कि उनका यह सपना उनके बेटे पूरा करें और मोहम्मद शमी की हेलो तेज गेंदबाजी में और क्रिकेट में रुचि देखते हुए उनके पिता ने अपने खेत में ही उनके लिए एक सीमेंट का पिच बनाया जहां पर उन्होंने 15 साल अपने पिता के साथ क्रिकेट की प्रैक्टिस की उसके बाद उनके पिता ने उन्हें 15 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश में मौजूद एक अकादमी लेकर गए पर उनकी काबिलियत के बावजूद भी उनके अंदर-19 में सिलेक्शन होते-होते रह गया। इसके बाद उनके कोच ने उनकी काबिलियत को देखते हुए उन्हें कोलकाता भेजा गया। शमी ने कोच की सलाह के बाद उन्होंने डलहौजी क्रिकेट क्लब के लिए खेलने शुरू कर दिया।

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इस दौरान बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सहायक सचिन देवव्रत उनकी गेंदबाजी से प्रभावित हुए। इसके बाद उन्होंने ही शमी को मोहन बागान क्लब भेजा। फिर शमी ने बंगाल की रणजी टीम में जगह बनाई। फिर आया 6 जनवरी 2012 का दिन, जब पाकिस्तान के खिलाफ शमी ने टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया।

शादी शुदा जिंदगी में भी मिले धोखे

दरअसल मोहम्मद शमी ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर हसीन जहां नाम की एक मॉडल से शादी की थी। हसीन जहां से उनकी मुलाकात अपने आईपीएल के मैच के दौरान हुई थी जब मोहम्मद शमी कर के लिए खेल रहे थे और हसीन जहां इस टीम की चीयर लीडर थी धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती हुई और यह दोस्ती न जाने कब प्यार में बदल गया उन्हें पता ना चला और उन्होंने 6 जून 2014 शादी रचा और एक साल बाद 17 जुलाई 2015 को शमी एक बेटी के पिता भी बने सब कुछ सही चल रहा था पर अचानक दोनो के बीच अनबन शुरू हो गई और साल 2018 में हसीना जहा ने मुहम्मद शमी और उनके भाइयों के खिलाफ मारपीट, हिंसा और जान से मरने की कोसिस करने का आरोप लगा दिया और फिर दोनो ने एक दूसरे से डायवोर्स ले लिया।

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गद्दार कहने के बाद भी दिखाई बाफादारी

टी-20 विश्व कप 2021 के सुपर-12 स्टेज में भारतीय टीम को पाकिस्तान के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इस मैच के बाद मोहम्मद शमी को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा था। उनपर उस वक्त मैच फिक्सिंग का आरोप लगाके शमी को गद्दार कहा गया था। लेकिन फिर भी शमी ने परिस्तिथियो के आगे हार नहीं मानी और भारत के लिए लगातार आपना 100 प्रतिशत देते रहे।

एक्सीडेंट के चलते मुहम्मद शमी को आई थी काफी चोट

शमी पर मुसीबतों का बांध टूट पड़ा था। ये मुसीबत का बांध आगे जाकर रुका नहीं बल्कि और बढ़ता चला गया जब आज से ठीक पांच साल पहले यानि 2018 मे उनकी कार मे उनका एक्सीडेंट हो गया। वो देहरादून से दिल्ली जा रहे थे तभी उनकी कार का बुरी तरह एक्सीडेंट हो गया जिसमे उन्हें गंभीर रूप से सिर मे चोठ भी आई थी और दाई आंख के ऊपर तीन चार टांके लगवाने पड़े थे। चोठ गहरी होने के कारण वो काफ़ी समय तक मैदान के नहीं उतर पाए थे मगर उसके बाद उन्होंने उसी साल खेल मे 47 विकेट गिरा कर लाजवाब वापसी की।

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2017 में अपने सपनो साथ शमी का साथ चोड़ गए उनके थे उनके पिता

बड़े ही दुख के साथ उनके पिता तौसीफ़ अहमद का 27 जनवरी,2017 मे देर रात कों निधन हो गया। पिता के मृत्यु के बाद शमी काफ़ी टूट से गए थे मगर पिता के जाने के बाद भी उन्हें उनके पिता का सपना याद था और उन्होंने उसे पूरा करने के लिए अपने क्रिकेट मे एक बेहतरीन वापसी की और अपने कई रिकार्ड्स भी तोड़े।

इसे के साथ शमी ने इस बार फिर सभी का अपनी गेंदबाजी से दिल जीत लिया जब उन्होंने 2023 वर्ड को के श्रीलंका कों अपनी गेंदबाजी से धूल चटाई और उनके 5 विकेट लेकर तीन महारथियो कों धूल जमा दिया। इसी के साथ उन्होंने वर्ल्ड कप मे 45 विकेट लेते हुए ऐसे भारतीय गेंदबाज बन गए जिन्होंने सबसे ज्यदा विकेट लिए हो और इस दौरान उन्होंने जाहिर खान और जवागल श्रीनाथ जिन्होंने 44-44 विकेट लिए थे उन्हें तक पीछे छोड़ दिया।

(अंजलि रानी)

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