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वरण संरक्षण के लिए मिशन ‘ जीवन ’ रखता एक व्यापक दृष्टिकोण: ओम बिड़ला

  • पर्यावरण की सुरक्षा हम सभी की व्यक्तिगत और सामूहिक जिम्मेदारी

नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए केवल नीतियां और कानून बनाना पर्याप्त नहीं है। इसके लिए जीवनशैली में बदलाव और सभी के सामूहिक योगदान की जरूरत है। ‘लाइफ: पर्यावरण के लिए जीवनशैली’ विषय पर संसदीय मंच को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने जी20 और अन्य आमंत्रित देशों के सांसदों से संसद में ‘मिशन लाइफस्टाइल’ पर चर्चा के दौरान यह बात कही।

बिड़ला ने कहा कि आज के समकालीन समय में जलवायु परिवर्तन और इसका प्रभाव मानवता के सामान्य भविष्य के साथ गहरा जुड़ा हुआ है। भारत की पहल पर पर्यावरण संबंधी मुद्दों को सर्वसम्मति से पी -20 सम्मेलन को चर्चा के केंद्र में रखा गया है। भारत की संसद में भी पर्यावरण के लिए जीवनशैली के विषय पर व्यापक चर्चा हुई है और कानून बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली’ का विचार दुनिया के सामने रखा है। बिड़ला ने कहा कि ‘जीवनशैली अभियान’ पर्यावरण संरक्षण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण है, जो प्रत्येक व्यक्ति को संसाधनों का समझदारी से उपयोग, पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि इसलिए आज हमें ऐसी जीवनशैली, ऐसा दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है, जो हमारे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए। यह हम सभी की व्यक्तिगत और सामूहिक जिम्मेदारी है।

जलवायु परिवर्तन के हानिकारक प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए बिड़ला ने कहा कि आज के समय में कोई भी देश जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से अछूता नहीं है। दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों और उससे निपटने के लिए ठोस प्रयास की जरूरत है। मिशन ‘जीवन’ ने दुनिया को जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य सुरक्षा जैसी समकालीन चुनौतियों से निपटने का एक नया तरीका दिया है, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा आदि जो अब एक वैश्विक आंदोलन बन गया है। उन्होंने कहा कि इस विचार के आधार पर, विभिन्न देश अपनी भौगोलिक और सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार नीतियां और कार्य योजना बना रहे हैं। व्यक्तिगत जिम्मेदारी पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि केवल नीतियां और कानून जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि सभी को अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या को संशोधित करके सामूहिक रूप से योगदान करने की आवश्यकता है। सनद रहे कि नौवां जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) 13 से 14 अक्टूबर तक आयोजित होने वाला है।

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