जोहांन्सिबर्ग एजेंसी। दक्षिण अफ्रीका की सरकार वर्ष 1860 में आए प्रथम भारतीयों की याद में स्मारक बनाने जा रही है। सरकार ने जानकारी देते हुए कहा, 1860 में दक्षिण अफ्रीका में पहले भारतीय गिरमिटिया मजदूरों के आगमन की स्मृति का सम्मान करने के लिए एक स्मारक पर काम जल्द ही शुरू होगा। स्मारक का काम 2010 में शुरू हो गया था, लेकिन फंडिंग और नौकरशाही की खींचतान के कारण इसके निर्माण में देरी हो गई। उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीकी भारतीय मूल का समुदाय गुरुवार को 1860 में बंदरगाह शहर डरबन में तत्कालीन पोर्ट नटाल के गन्ना बागान में काम करने वाले पहले भारतीयों के आगमन का जश्न मनाएगा।
एक सप्ताह में शुरू होगा काम
हालांकि स्मारक के प्रारूप पर निर्णय लेने के लिए पहले गठित 1860 स्मरणोत्सव स्मारक समिति इस बात पर सहमत नहीं हो सकी कि यह एक अमूर्त संरचना होनी चाहिए या पीठ पर एक बच्चे के साथ खेतों में काम करने वाली एक गिरमिटिया महिला मजदूर की मूर्ति होनी चाहिए। विभाग के निदेशक वुसी शॉन्गवे ने कहा, घंटाघर के साथ एक मेहराब बनाने के लिए अगले तीन सप्ताह के भीतर काम शुरू हो जाएगा।
आदर्श वाक्य पर बनाया जाना चाहिए
हेरिटेज सेंटर के निदेशक सेल्वन नायडू ने कहा, हमें यह जानकर खुशी हुई है कि गिरमिटिया श्रमिकों को श्रद्धांजलि आखिरकार हमारी लोकतांत्रिक सरकार द्वारा दी जाएगी। डरबन में आर्थिक विकास और पर्यटन के पूर्व प्रभारी रवि पिल्लै ने स्मारक को जल्द से जल्द पूरा करने का आह्वान किया। पिल्लै ने कहा, परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करना जरूरी है। यह एक ऐसी परियोजना होनी चाहिए जिसे विविध समाज द्वारा अपनाया जाए। इसे विविधता में एकता के हमारे आदर्श वाक्य पर बनाया जाना चाहिए।