10 साल में करीब 15 हजार से ज्यादा दर्ज हुए अपराध
भोपाल। मध्यप्रदेश में आदिवासी समुदाय पर पंजीबद्ध हुए वन अपराधों को सरकार वापस लेने जा रही है। कुछ लोग इसका सियासी मतलब लगाकर, आगामी 2023 का विधानसभा चुनाव बता रहे है। ऐसा बताया जा रहा है कि सरकार ने आदिवासियों को साधने बड़ा एक्शन प्लान बनाया है। सरकार 10 साल में 15 हजार से ज्यादा आदिवासियों पर पंजीबद्ध वन अपराध को वापस लेने की तैयारी में है। इसमें संबंधित विभाग के पीसीसीएफ से बातचीत कर सरकार यह फैसला लेगी।
मध्य प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरणों को लेकर शासकीय अधिवक्ताओं को निर्देश जारी किए गए है। पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ अजीत कुमार श्रीवास्तव ने एक्शन प्लान तैयार कर सीसीएफ और डीएफओ को भेजा है। आगामी 3 माह में वन अधिनियम 1927 एवं वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज अपराध वापस लिए जाएंगे। बुरहानपुर में सबसे ज्यादा अवैध कटाई के मामले दर्ज किए गए। वन अमले पर आदिवासियों के हमले और आदिवासियों पर दर्ज प्रकरणों को लेकर अभी फैसला नहीं हुआ है।
Madhya Pradesh government will withdraw registered forest crime against tribals in next 3 months