मध्य प्रदेश में राजनीतिक सुगबुगाहट के बीच, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने उन खबरों को खारिज कर दिया है जिनमें कहा जा रहा था कि कमल नाथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ‘उन्होंने कल रात नाथ से फोन पर बात की और उनका भगवा पार्टी में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है।’
शनिवार को जबलपुर में मीडिया से बात करते हुए नाथ के करीबी दोस्त कहे जाने वाले दिग्विजय ने कहा, “मैंने कल रात कमल नाथ जी से फोन पर बात की। उनका कांग्रेस छोड़ने का भाजपा में जाने का कोई इरादा नहीं है। कमल नाथ नहीं जा रहे हैं।” मैं कमल नाथ जी को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं। वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो हमेशा नेहरू-गांधी परिवार के साथ खड़े रहे हैं। जब सरकार इंदिरा गांधी को भेजने की तैयारी कर रही थी तब भी नाथ एक मजबूत स्तंभ की तरह खड़े रहे। 1970 के दशक के अंत में जेल गए। कमल नाथ की राजनीतिक यात्रा नेहरू-गांधी परिवार के साथ शुरू हुई। यह असंभव है कि वह अब पाला बदल लेंगे।’
पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि भाजपा डर और लालच दिखाकर सियासी तोड़फोड़ कर रही है। कांग्रेस नेताओं को इनकम टैक्स और ईडी का डर दिखाया जा रहा है, जो डरे हुए या बिकाऊ हैं वही भाजपा में जाएंगे। जो मेरे साथ दिख रहे हैं वो सभी टिकाऊ हैं। दिग्विजय सिंह ने ईवीएम की खिलाफत का राग अलापते हुए कहा कि 22 फरवरी से कांग्रेस फिर एक बार ईवीएम के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ईवीएम की वीवीपेट पर्ची दिखाए नहीं बल्कि मतदाता के हाथों में दें। अन्यथा मतदान बैलेट पेपर से कराए।