- अरिघात भी अरिहंत की तरह के-15 मिसाइलों से लैस होगी।
- भारतीय नौसेना और भी दो न्यूक्लियर पनडुब्बी को तैयार कर रही है।
नई दिल्ली। समुद्र में भारतीय नौसेना की ताकत अब और बढ़ने वाली है। नौसेना के बेड़े में दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी आईएनएस अरिघात आज शामिल होने जा रही है। यह पनडुब्बी हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करेगी। इस पनडुब्बी को के-4 जैसी घातक मिसाइल से लैस किया जाएगा। यह मिसाइल 3 हजार किलोमीटर की दूरी तक वार करने की क्षमता रखती है। वहीं, अरिघात भी अरिहंत की तरह के-15 मिसाइलों से लैस होगी। हिंद महासागर में चीन के बढ़ते वर्चस्व से निपटने के लिए भारत को ज्यादा न्यूक्लियर पनडुब्बी की जरूरत है। भारत की पहली न्यूक्लियर पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत थी, जो साल 2014 में भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हुई थी। आईएनएस अरिहंत की तुलना में आईएनएस अरिघात ज्यादा अपडेटेड और खतरनाक है। भारतीय नौसेना और भी दो न्यूक्लियर पनडुब्बी को तैयार कर रही है, जो साल 2035-36 तक बनकर तैयार हो जाएगी।