कॉलर आईडी से जख्म, कुछ के कीड़े भी पड़े
भोपाल। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाकर श्योपुर जिले के कूनो में बसाए गए चीतों की ऑनलाइन ट्रैकिंग के लिए लगाए गए कॉलर आईडी ही उनकी जान की दुश्मन बनती जा रही है। शिकारियों से बचाने, बीमारी या निर्धारित वन क्षेत्र से दूर जाने पर चीतों की तुरंत लोकेशन जानने और उनकी सुरक्षा करने के लिए गले में लगाया गया कॉलर आईडी ही संक्रमण का कारण बनता जा रहा है। दो चीतों की मौत का कारण कॉलर आईडी से गले में संक्रमण बताया जा रहा है। इसके बाद ओबान नाम के चीते के गले से कॉलर आईडी हटा दिया गया है।
तीन और चीतों के गले में कॉलर आईडी से संक्रमण की बात सामने आ रही है। हालांकि वन विभाग के आला अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। वहीं चीतों की मानीटरिंग में लापरवाही के लिए जिम्मेदार पीसीसीएफ वाइलड लाइफ जेएस चौहान को मानते हुए सरकार ने उन्हें सोमवार को ही हटा दिया है। अब जेएस चौहान के स्थान पर असीम श्रीवास्तव को पीसीसीएफ वाइलड लाइफ की जिम्मेदारी सौंपी गई है। चीतों की लगातार हो रही मौत ने वन विभाग की नींद उड़ा दी है।
दो चीते पकड़ से बाहर
सूत्रों के अनुसार ओबान को पकड़कर उसके गले से तो कॉलर आईडी हटा दिया गया है। आईडी हटाने के बाद उसके गले में जख्म मिला है, जिसमें कीड़े पडऩे तक की बात कही जा रही है। वहीं दो अन्य चीतों को भी ट्रेंकुलाइज कर कॉलर आईडी हटाने की तैयारी है। हालांकि उक्त दोनों चीते वन विभाग की पकड़ में नहीं आ रहे हैं।
कल आएंगे दक्षिण अफ्रीका से विशेषज्ञ
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार चीतों की मौत के मामले को राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार भी बहुत गंभीरता से ले रही है। केंद्र सरकार की पहल पर दक्षिण अफ्रीका से चीतों के विशेषज्ञों को भारत बुलाया गया है। बताया जाता है कि बुधवार को दक्षिण अफ्रीका से चीता विशेषज्ञ भारत पहुंचने वाले हैं।
Infection found in 3 more cheetahs in Kuno, collar ID removed from Oban’s neck.