भारत ने गृह मंत्री अमित शाह की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर चीन की ओर से की गई टिप्पणियों को पूरी तरह से खारिज किया है। विदेश मंत्रालय ने चीन से साफ कहा, अरूणाचल प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा था और हमेशा रहेगा। ऐसी यात्राओं पर आपत्ति करने का कोई कारण नहीं है और ऐसा करने से वास्तविकता बदल नहीं जाएगी। विदेश मंत्रालय ने कहा, यह था, है और हमेशा रहेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मंगलवार को कहा कि हम चीनी आधिकारिक प्रवक्ता की ओर से की गई टिप्पणियों को पूरी तरह से खारिज करते हैं। अरिंदम बागची ने कहा कि भारतीय नेता नियमित रूप से अरुणाचल प्रदेश राज्य की यात्रा करते हैं, जैसे वह भारत के किसी अन्य राज्य की यात्रा करते हैं। अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और रहेगा। इस तरह की यात्राओं पर आपत्ति करना तर्कसंगत नहीं है और इससे उपरोक्त वास्तविकता नहीं बदलेगी
2020 में हुई झड़प के बाद गतिरोध बना हुआ है :
बता दें कि चीन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस दौरे पर आपत्ति जताई थी। चीनी विदेश मंत्री के प्रवक्ता ने कहा था कि ये सीमा के अनुकूल नहीं है, गृह मंत्री की यात्रा ने चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन किया है और चीन इसका विरोध करता है, क्योंकि ज़ंगनान का इलाका चीन का क्षेत्र है। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को भारत-चीन सीमा से लगे किबिथू गांव में वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम (वीवीपी) की शुरुआत की थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस दौरान कहा था कि वह युग चला गया जब भारत की सीमावर्ती भूमि का कोई भी अतिक्रमण कर सकता था और अब कोई इसकी क्षेत्रीय अखंडता पर बुरी नजर डालने का दुस्साहस नहीं कर सकता। अब सूई की नोक के बराबर भूमि तक का अतिक्रमण नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि चीन और भारत के सैनिकों के बीच साल 2020 में लद्दाख के गलवान में हुई झड़प के बाद गतिरोध बना हुआ है। बीते साल भी दिसंबर के महीने में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों में झड़प हुई थी।