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- भारतीय छात्रों को कथित रूप से फर्जी प्रवेश पत्र जमा करने के लिए डिपोर्टेशन की धमकी दी जा रही है।
- भारतीयों छात्रों ने आरोप लगाया है कि उनको जबरदस्ती डिपोर्टे किया जा रह है।
नई दिल्ली । कनाडा में कुछ भारतीय छात्रों को कथित रूप से फर्जी प्रवेश पत्र जमा करने के लिए डिपोर्टेशन की धमकी दी जा रही है। भारतीयों छात्रों ने आरोप लगाया है कि उनको जबरदस्ती डिपोर्टे किया जा रह है। भारत सरकार ने कनाडा सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाया और छात्रों की सरक्षा को लेकर चिंता जताई है। इसी बीच ओटावा से खबर आई है कि एक पंजाबी विद्यार्थी लवप्रीत सिंह की वतन वापसी पर कनाडा सरकार ने रोक लगा दी है। इस पर अपना प्रतिक्रिया देते हुए प्रवासी मामलों संबंधी मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने शनिवार को खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान पिछले कई दिनों से इस मामले पर नजऱ रख रहे हैं और उनकी स्पष्ट हिदायतें हैं कि इन 700 विद्यार्थियों के हितों के लिए पंजाब सरकार जो भी कोशिश और प्रयत्न कर सकती है, वह किए जाएं। इन विद्यार्थियों में से अधिकतर पंजाबी हैं और मुख्यमंत्री की ओर से मिले निर्देशों को ध्यान में रखते हुए कुलदीप सिंह धालीवाल ने जहां विद्यार्र्थियों के साथ वीडियो काफ्रेंसिंग के जरिए बात की थी वहां के प्रभावित विद्यार्थियों को मुफ़्त कानूनी सहायता देने का ऐलान भी किया था। धालीवाल ने कहा कि बीते दिनों ही भारत के हाई कमिश्नर (ओटावा, ओंटार्यो) संजे कुमार वर्मा और कनाडा के हाई कमिश्नर ( दक्षिणी पश्चिमी, दिल्ली) श्री कैमरन मैके को पत्र लिख कर कनाडा से वापसी का सामना कर रहे इन विद्यार्थियों के मसले को हल करने की अपील की थी। धालीवाल ने कहा कि मैं पंजाबी मूल के सभी कनाडियन एम. पीज को भी पत्र लिखकर अपील की थी कि इन बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए वह पहलकदमी करें। धालीवाल ने उम्मीद व्यक्त कि बाकी विद्यार्थियों का मसला भी जल्द ही हल हो जाएगा।