भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना ने 24 घंटे की अवधि के भीतर हेलिना मिसाइल के दो सफल परीक्षण किए थे।
हेलिना मिसाइल का परीक्षण हाल ही में प्राप्त लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) से लॉन्च करके किया गया। नई दिल्ली, भारतीय सेना की एविएशन यूनिट ने एक ध्रुव हेलीकॉप्टर का कॉम्बेट वर्जन लांच किया है। इसके जरिए रविवार को नई पीढ़ी की रॉकेट और गोला-बारूद प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह पहला स्वदेशी विकसित अटैक हेलिकॉप्टर है, जिसका नाम ‘रुद्र’ रखा गया है। स्पीयर कॉर्प्स ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘भारतीय सेना ने पहले स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर रुद्र से नई पीढ़ी के रॉकेट और गोला बारूद दागे। पहाड़ों पर यह प्लेटफार्म असरकारक है। इसमें इसकी स्ट्राइक क्षमता और घातकता बढ़ जाती है। कोर कमांडर ने एविएटर्स को उनकी व्यावसायिकता और ऑपरेशनल प्रिपेयर्डनेस के लिए बधाई दी।’ पिछले वर्ष 24 घंटे में हुए थे दो परीक्षण पिछले साल, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना ने 24 घंटे की अवधि के भीतर हेलिना मिसाइल के दो सफल परीक्षण किए थे। हेलिना मिसाइल का परीक्षण हाल ही में प्राप्त लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) से लॉन्च करके किया गया। इस मिसाइल का परीक्षण अधिक ऊंचाई और दूरी पर किया गया। इससे एक हफ्ते पहले, भारतीय सेना ने हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) प्रचंड की 70 मिमी रॉकेट और 20 मिमी बुर्ज गन की सफलतापूर्वक उद्घाटन फायरिंग की थी। क्या है ध्रुव हेलीकॉप्टर का उपयोग ध्रुव अत्याधुनिक तकनीकों जैसे हिंज लेस इंटरचेंजेबल मेन रोटर ब्लेड्स, बियरिंग लेस टेल रोटर ब्लेड्स, एंटी रेजोनेंस वाइब्रेशन आइसोलेशन सिस्टम और महत्वपूर्ण प्रणालियों के लिए निर्मित रिडंडेंसीज के साथ लैस है। यह समुद्र तल से लेकर हिमालय की ऊंची ऊंचाइयों के साथ-साथ अत्यधिक तापमान रेंज में रेगिस्तान और खारे वायुमंडलीय स्थितियों में विभिन्न ऊंचाइयों पर संचालन के लिए एक आदर्श हेलिकाप्टर है। ध्रुव को बुनियादी उपयोगिता संस्करण से लेकर मिशन और हथियार प्रणालियों के फिटमेंट के साथ 5.8 टन वर्ग में रुद्र नामक हथियार में विकसित किया गया है।
Swadesh Bhopal group of newspapers has its editions from Bhopal, Raipur, Bilaspur, Jabalpur and Sagar in madhya pradesh (India). Swadesh.in is news portal and web TV.