आवास व नल-जल योजना में काम की गति बढ़ाने पर सरकार का फोकसबजट में होगा अतिरिक्त राशि का प्रावधान,केंद्र से भी मांगेंगे 15 हजार करोड़ रुपए
भोपाल। सरकारी आवास योजना में पक्का मकान पाने की आस लगाए गरीबों को यह खबर राहत देने वाली है। राज्य सरकार ने अगले दो साल में 22 लाख से अधिक नए परिवारों को पक्की छत मुहैया कराने का लक्ष्य तय किया है। इसके तहत चुनावी साल में ही करीब 11 लाख नए परिवारों को पक्का मकान का सपना साकार होने के आसार हैं। यही नहीं नए साल में प्रदेश के प्रत्येक परिवार को नल से जल उपलब्ध कराने की भी योजना है। इसके लिए राज्य सरकार अपने बजट में समुचित प्रावधान करने के साथ ही केंद्र सरकार से भी करीब 15 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाने की मांग करेगी।
विभागीय सूत्रों के अनुसार,वर्ष 2024-25 तक प्रदेश में 22.41 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना व प्लस योजनान्तर्गत पक्का आवास मुहैया कराने का लक्ष्य तय किया गया है। इस योजना के तहत अब तक मूल योजना में ही 30.50लाख आवास के लक्ष्य के विपरीत 28 लाख आवास तैयार कर हितग्राहियों को सौंपे जा चुके हैं। वहीं आवास प्लस योजना में साढ़े सात लाख आवास के लक्ष्य के विपरीत एक लाख से अधिक आवास तैयार किए जा चुके हैं। योजना में राज्यांश की कमी न रहे इसके लिए शिवराज सरकार ने मौजूदा साल के बजट में ही दस हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया। यही वजह है कि आवास योजना के कार्य को तेज गति से व समय पर पूरा कर मप्र योजना में अव्वल बना हुआ है।
जल-जीवन मिशन में दूसरे स्थान पर
क मोवेश यही स्थिति प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन की है। मिशन अंतर्गत हर घर नल से जल पहुंचाने की योजना में मप्र बीस लाख से कनेक्शन लक्ष्य वाले 12 राज्यों में शामिल है। बल्कि अब तक 45.69 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल कर देश में दूसरे स्थान पर बना हुआ है। मिशन अंतर्गत अब तक 54.86 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन के जरिए पानी पहुंचाने का काम पूरा किया जा चुका है। इस पर करीब 50हजार करोड़ रुपए अब तक व्यय किए गए। यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित आंगनवाड़ी,प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं एवं पंचायत भवन को भी अब इस योजना के तहत पानी सुलभ हो पा रहा है। जल जीवन मिशन के कार्यों को वर्ष 2023-24 में पूरा किया जाना है।
बजट में मिलेगी प्राथमिकता
केंद्र प्रवर्तित उक्त दोनों ही योजनाओं गरीबों को लाभान्वित करने वाली है। इसे देखते हुए राज्य सरकार का फोकस इन योजनाओं की गति को बनाए रखने पर है। इसे ध्यान में रखते हुए ही मुख्यमंत्री ने हाल ही में मिशन कार्यों की समीक्षा कर काम को युद्धस्तर पर किए जाने के निर्देश दिए। बताया जाता है कि आगामी 17 दिसंबर से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार करीब दस हजार करोड़ रुपए से अधिक का दूसरा अनुपूरक बजट पेश कर सकती है। इसमें उक्त योजनाओं के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान होगा। इसी प्रकार नए साल के बजट में भी इन योजनाओं के राज्यांश के लिए समुचित बजट का इंतजाम रहेगा।
यही नहीं सरकार केंद्र से भी उक्त दोनों ही योजनाओं में 15 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाने की मांग करेगी। बताया जाता है कि इसके लिए संबंधित विभागों की ओर से प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। वित्त विभाग के परीक्षण के बाद इन्हें शीघ्र ही केंद्र को भेजा जाएगा। ज्ञात हो कि जल जीवन मिशन में हिमाचल प्रदेश व पूर्वी राज्यों के लिए सौ प्रतिशत,उत्तराखंड के लिए 90 प्रतिशत व शेष राज्यों को 50 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराई जाती है। इसी तरह,प्रधानमंत्री आवास योजना में उत्तर-पूर्व, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल व उत्तराखंड में 90 प्रतिशत व शेष राज्यों को 60प्रतिशत राशि केंद्र सरकार जबकि शेष राशि की व्यवस्था राज्यों द्वारा की जाती है। इसमें मप्र भी एक है।
इनके लिए भी होगा बजट प्रावधान
शीतकालीन सत्र में प्रस्तावित दूसरे अनुपूरक बजट में केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के राज्यांश के अलावा, सड़क,सिंचाई सहित अधोसंरचना विकास की योजनाओं को भी शामिल किए जाने के संकेत हैं। इनके लिए संबंधित विभागों को अतिरिक्त राशि आवंटित की जाएगी। सत्र में नगरीय विकास एवं आवास विभाग किराएदारी अधिनियम,भीड़ वाले क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे, बिजली के पर्याप्त प्रबंध संबंधी लोक सुरक्षा अधिनियम, आनलाइन गेम्स पर नियंत्रण के लिए विधेेयक लाए जा सक ते हैं। 23 दिसंबर को सत्र के अंतिम दिन समान नागरिक संहिता संबंधी अशासकीय संकल्प प्रस्तुत किया जा सकता है।
In the election year, 11 lakh new families will get pucca houses, tap water in every house.
chunaavee saal mein 11 laakh nae parivaaron ko milenge pakke makaan, har ghar nal se jal.