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- केंद्र सरकार देश में सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए लगातार कदम उठा रही है.
- भारत के मोटे अनाज यानि मिलेट्स की पहचान दुनिया में श्री अन्न के नाम से बन गई है.
नई दिल्ली । पीएम नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस को संबोधित करने जा रहे हैं. यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के मौके पर आयोजित किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण में दृढ़ विश्वास से प्रेरित होकर, केंद्र सरकार देश में सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए लगातार कदम उठा रही है. इस प्रयास को मजबूती देने के लिए सरकार द्वारा एक अलग सहकारिता मंत्रालय बनाया गया. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी उसी दिशा में एक और कदम है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत के मोटे अनाज यानि मिलेट्स की पहचान दुनिया में श्री अन्न के नाम से बन गई है. इसके लिए विश्व में एक नया बाजार तैयार हो रहा है. भारत सरकार की पहल के कारण इस वर्ष कोअंतर्राष्ट्रीय मीलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि आज कैमिकल मुक्त खेती, नैचुरल फार्मिंग, सरकार की प्राथमिकता है. ज्यादा पानी, ज्यादा फसल की गारंटी नहीं है. माइक्रो सिंचाई का कैसे गांव-गांव तक विस्तार हो, इसके लिए सहकारी समितियों को अपनी भूमिका का भी विस्तार करना होगा. पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत की दुनिया में पहचान अपने डिजिटल लेनदेन के लिए होती है. ऐसे में सहकारी समितियों और सहकारी बैंकों को भी इसमें अग्रणी रहना होगा. हिसाब लगाएं तो आज हर वर्ष केंद्र सरकार साढ़े 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक खेती और किसानों पर खर्च कर रही है. इसका मतलब है कि प्रतिवर्ष हर किसान तक सरकार औसतन 50 हजार रुपये किसी न किसी रूप में पहुंचा रही है. यानि भाजपा सरकार में किसानों को अलग अलग तरह से हर साल 50 हजार रुपये मिलने की गारंटी है. ये मोदी की गारंटी है. यही नहीं, गन्ना किसानों के लिए भी उचित और लाभकारी मूल्य अब रिकॉर्ड 315 रुपये क्विंटल कर दिया गया है. पीएम मोदी ने कहा कि किसान हितैषी अप्रोच को जारी रखते हुए, कुछ दिन पहले एक और बड़ा निर्णय लिया गया है. केंद्र सरकार ने किसानों के लिए 3 लाख 70 हजार करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया है. अमृतकाल में देश के गांव, देश के किसान के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए अब देश के कॉपरेटिव सेक्टर की भूमिका बहुत बड़ी होने वाली है. सरकार और सहकार मिलकर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को डबल मजबूती देंगे. पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने मिशन पाम ऑयल शुरु किया है. इसके तहत तिलहन की फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है. जिससे देश में खाने के तेल के आयात पर खर्च होने वाली बड़ी रकम किसानों के पास पहुंच सके. तिलहन की फसलों को बढ़ावा देने के लिए बड़ी मात्रा में फैसले लिए जा रहे हैं. देश की सहकारिता संस्थाएं इस मिशन की बागडोर थाम लेगी तो आप देखिएगा कितनी जल्दी हम खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएंगे. पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में हमने किसान उत्पादक संघों यानि FPOs के निर्माण पर भी विशेष बल दिया है.