सैन फ्रांसिस्को। अमेरिका की यात्रा पर पहुंचे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि चीन ने स्थापना से लेकर आज तक किसी विदेशी जमीन के एक इंच पर भी कब्जा नहीं किया है। साथ ही चीन की वजह से आज तक किसी जंग की शुरुआत नहीं हुई। जिनपिंग एशिया-पैसेफिक इकोनॉमिक को-ऑपरेशन समिट के लिए अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में मौजूद थे। इस दौरान अमेरिका-चीन बिजनेस काउंसिल के एक डिनर में उन्होंने ये बात कही। जिनपिंग ने आगे कहा- चीन चाहे विकास के किसी भी स्तर तक पहुंचे, हम कभी भी कहीं पर कब्जे की कोशिश नहीं करेंगे। हम कभी भी दूसरों पर अपनी मर्जी नहीं थोपेंगे। चीन अपना दबदबा नहीं बढ़ाना चाहता है और हम किसी के साथ जंग नहीं लड़ेंगे।
अमेरिका की तरक्की से खुशी होगी
अमेरिका-चीन के रिश्तों पर बात करते हुए शी ने कहा- दुनिया को जरूरत है कि चीन और अमेरिका मिलकर काम करें। हमें किसी खतरे के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। अपने फायदे और चीन के नुकसान के लिए काम करना गलत है। जिनपिंग ने ये विश्वास दिलाने की कोशिश की कि चाहे दुनिया में कोई भी बदलाव आए, लेकिन अमेरिका-चीन के बीच शांतिपूर्ण रिश्ते कभी नहीं बदलेंगे।
अमेरिका के खिलाफ काम नहीं
जिनपिंग ने बिजनेस काउंसिल से आगे कहा चीन कभी अमेरिका के खिलाफ काम नहीं करता है। हमारा मकसद अमेरिका को चुनौती देना या उसकी जगह लेना नहीं है। हमें एक ऐसे अमेरिका को देखकर बेहद खुशी होगी, जिसमें आत्मविश्वास है और जो लगातार विकास कर रहा है। इसी तरह अमेरिका को भी चीन के अंदरूनी मानलों में दखल नहीं देना चाहिए। हमें मिलकर एक शांति, स्थिर और समृद्ध चीन का स्वागत करना होगा।
हालात बदलने की कोशिश करता है चीन
साल 2020 में गलवान झड़प के बाद से चीन लगातार एलएसी पर मौजूदा हालात को बदलने की कोशिश करता रहा है। वो एलएसी के इस पार भारत के हिस्से को अपना बताता है। दोनों पक्षों ने गलवान झड़प का केंद्र रहे पैट्रोलिंग पॉइंट 15 पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है। 2020 के बाद से हथियारों के साथ करीब 50 हजार भारतीय जवानों की तैनाती एलएसी के पास की गई है, जिससे चीन भारत की जमीन पर कब्जा न कर सके।
शी जिनपिंग ने किया दावा
शी जिनपिंग ने दावा किया किया कि पीपुल्स रिपब्लिक की स्थापना के बाद से 70 वर्षों या उससे अधिक समय में चीन ने कोई संघर्ष या युद्ध नहीं भड़काया है और न ही किसी भी विदेशी जमीन पर कब्जा किया है। हालांकि, बैठक के दौरान बाइडेन ने शिनजियांग, तिब्बत और हांगकांग सहित चीन के मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जताई। व्हाइट हाउस की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति बाइडेन ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिकता और सभी देशों की अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने की जिम्मेदारी को रेखांकित किया। उन्होंने शिनजियांग, तिब्बत और हांगकांग सहित पीआरसी मानवाधिकारों के हनन के बारे में चिंता जताई।