26 को भोपाल में साढ़े तीन घंटे बैठक लेंगे अमित शाह
भोपाल। प्रदेश में हर हाल में जीत हासिल करने के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फार्मूले पर अमल के लिए भाजपा के नेताओं ने काम शुरू कर दिया है। केंद्रीय मंत्री शाह द्वारा विधानसभावार मंगाई गई नाराज नेताओं और उनको समझाईश देने वाले पदाधिकारियों की सूची दिल्ली जाने के बीच चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने जिलों से नाराज नेताओं को बुलाकर उन्हें समझाने का काम शुरू कर दिया है।
पिछले 1 सप्ताह में पार्टी से खासी नाराज चल रहे 50 से अधिक नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को समझाइश देने का काम तोमर और उनकी टीम ने किया है। इसमें चुनाव प्रबंधन समिति के अलावा चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव ने भी सहयोग किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चुनावी तैयारियों का जायजा लेने और कोर टीम के साथ चुनावी रणनीति बनाने 26 जुलाई की शाम भोपाल आ रहे हैं। अमित शाह 24 को नई दिल्ली से चलकर शाम 7.40 बजे भोपाल एयरपोर्ट पहुंचेंगे। रात्रि 8 बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक में शामिल होंगे। शाह रात्रि 11.35 बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय से होटल ताज पहुंचकर रात्रि विश्राम करेंगे। वे 27 जुलाई को प्रात: 10.30 बजे होटल ताज से भोपाल एयरपोर्ट पहुंचकर नई दिल्ली रवाना होंगे।
शाह ने मंगाई थी नाराज नेताओं की सूची
प्रदेश की चुनावी कमान संभालने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने प्रदेश संगठन से कहा कि हर विधानसभा सीट में पार्टी के असरदार पदाधिकारियों, पूर्व जनप्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं की जानकारी जुटाकर तय फार्मेट में भेजी जाए। इसमें किस विधानसभा के कौन से नेता, पदाधिकारी की आपस में नहीं बनती है। ऐसे नेताओं की लिस्ट तैयार कर भेजना था। इसके साथ ही इसमें यह भी बताया गया कि आपस में एक दूसरे का विरोध कर रहे ये नेता किसके कहने पर अपना विरोध दरकिनार कर पार्टी के लिए काम करने में जुट जाएंगे, फिर चाहे टिकट किसी को भी मिले।
रूठों को मनाने में कद्दावर नेताओं को भी लगाया
प्रदेश में भाजपा को सत्ता में वापस लाने के लिए पार्टी संगठन पूरी दृढ़ता के साथ कार्य कर रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा यह भी पूछा गया कि नाराज नेता पार्टी में किसका कहना मानकर पूरी ताकत से चुनाव में जुटेंगे, इसकी भी पूरी जानकारी दें। अगर जिला स्तर पर जिला अध्यक्ष, सांसद, विधायक, जिला प्रभारी से बात बनती है तो ठीक है अन्यथा प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के नाम भी देना है जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय या अन्य कोई नेता या पदाधिकारी जिसका कहना दोनों पक्ष मानें, उनके नाम लिखकर भेजना है।
इसकी समीक्षा के लिए और ताजा निर्देशों पर क्रियान्वयन को लेकर शाह 26 जुलाई को भोपाल आने वाले हैं। इसके पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस पर अमल शुरू कर दिया है ताकि शाह को पॉजिटिव फीडबैक दिया जा सके।
Implementation of Shah’s formula started in Madhya Pradesh, senior leaders including Union Minister Tomar started pacification.