- देश में ब्रिटिशकालीन राजद्रोह कानून को खत्म किया जाएगा।
- गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में दो नए बिल पेश किये।
- पहचान छिपाकर शादी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी।
नई दिल्ली। लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने ब्रिटिशकालीन कानून खत्म करने को लेकर दो नए बिल पेश किये। भारतीय न्याय संहिता बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बिल 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम इस बिल में कई बड़े बदलाव के प्रवधान किया गया है।
इस दौरान उन्होंने कहा इन विधयकों से आपराधिक दंड संहिता में आमूलचूल परिवर्तन होगा। इसके साथ ही इंडियन पीनल कोड अब भारतीय न्याय संहिता से जाना जाएगा। गृहमंत्री ने बताया कि आने वाले समय में ये बिल जब कानून बन जाएगा तो भारतीय न्याय संहिता में बड़ा बदलाव होगा।
अपराधी दुनिया के किसी भी कोने में छिप जाए लेकिन मिलेगी सजा : शाह
इसके साथ ही शाह ने कहा मैं कहना चाहता हूं कि एक ऐतिहासिक निर्णय इस सरकार ने किया है और राजद्रोह को पूरी तरह से खत्म करने का फैसला किया गया है। यहां लोकतंत्र है सबको बोलने का अधिकार है। राजद्रोह कानून को अंग्रेजों के शासन को बचाने के लिए ये कानून बनाया गया था। उन्होंने कहा कि कई सारे केसों मे दाऊद वाछिंत है, वो भाग गया, उसका ट्रायल नहीं होता है। हमने तय किया सेशन कोर्ट के जज पूरी प्रक्रिया के बाद जिसको भगोड़ा घोषित करेंगे उसकी अनुपस्थिति में ट्रायल होगा और उसे सजा भी दी जाएगी। दुनिया में वो कहीं भी छिपे, उसे सजा सुनाई जाएगी।
राजद्रोह कानून की जगह लेगा ये कानून
गौरतलब है कि विधेयकों में सबसे बड़ा बदलाव ये है कि इनमें राजद्रोह के कानून को खत्म कर दिया गया है। IPC की धारा 124A में राजद्रोह का जिक्र था, लेकिन अब नए विधेयक में राजद्रोह का प्रावधान नहीं होगा। हालांकि, इसकी जगह नए विधेयक की धारा 150 में राजद्रोह जैसा ही एक प्रावधान होगा, लेकिन इसे एक नया रंग-रूप और नाम दिया गया है।