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- पिछले दिनों जिला जज एके विश्वेश ने शुक्रवार को मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया था.
- सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर दो दिन के लिए रोक लगाते हुए मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था.
नई दिल्ली, वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सर्वे के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई. मुस्लिम पक्ष ने याचिका में 7 दलील दी हैं. मुस्लिम पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद पिछले 1000 साल से भी ज्यादा समय से वहां पर मौजूद है और 1669 में वाराणसी में कोई मंदिर किसी बादशाह के आदेश से नहीं तोड़ा गया. सीजे ने पूछा कि क्या वाराणसी कोर्ट का सील किए गए क्षेत्र से कोई लेना-देना है? इस पर विष्णु जैन ने कहा, सील क्षेत्र यानी वजुखाना में कोई काम नहीं किया जाएगा. इस पर नकवी ने कहा, वजूखाना संपत्ति का हिस्सा है और सर्वे में उसे नुकसान भी हो सकता है. हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि वाराणसी कोर्ट के आदेश में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि इमारत गिर सकती है. हाईकोर्ट ने कहा कि हिंदू पक्ष और जिला अदालत ने अपने आदेश में यह स्पष्ट नहीं किया है कि एएसआई द्वारा खुदाई कैसे की जाएगी. इस पर विष्णू जैन ने कहा, जिला अदालत ने कहा है कि संरचना को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए. इसी का पालन किया जा रहा है.
जिला कोर्ट ने दिया था भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सर्वे का आदेश
दरअसल, पिछले दिनों जिला जज एके विश्वेश ने शुक्रवार को मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया था. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को 4 अगस्त तक सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी की जिला अदालत को सौंपनी थी. इसी आदेश के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम सोमवार को ज्ञानवापी का सर्वे करने पहुंची थी. लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने सर्वे पर दो दिन के लिए रोक लगाते हुए मस्जिद कमेटी को हाईकोर्ट जाने को कहा था. इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने मंगलवार को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस पर आज सुनवाई हो रही है.