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- लोकसभा में शुक्रवार को मणिपुर हिंसा पर चर्चा को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
- राजनाथ सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि मणिपुर हिंसा पर चर्चा होनी चाहिए लेकिन सदन में ऐसे दल हैं, जो इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होने देना चाहते.
नई दिल्ली, लोकसभा में शुक्रवार को मणिपुर हिंसा पर चर्चा को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मणिपुर की घटना निश्चित तौर पर बेहद गंभीर है और स्थिति को समझते हुए खुद पीएम ने कहा है कि मणिपुर में जो हुआ उसने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. पीएम ने कहा है कि घटना पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. हम मणिपुर पर संसद में चर्चा चाहते हैं. मैंने यह सर्वदलीय बैठक में कहा था. मैं इसे संसद में दोहराता हूं कि हम मणिपुर पर सदन में चर्चा चाहते हैं, लेकिन मैं देख रहा हूं कि कुछ राजनीतिक दल हैं, जो अनावश्यक रूप से यहां ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं ताकि मणिपुर पर चर्चा ही न हो सके. मैं स्पष्ट रूप से आरोप लगा रहा हूं कि यह विपक्ष मणिपुर पर उतना गंभीर नहीं है, जितना उन्हें होना चाहिए… फिलहाल हंगामा के कारण सदन साढ़े चार मिनट ही चल सकी. इसके बाद कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. इस दौरान स्पीकर ओम बिरला ने भी विपक्षी दलों से कहा कि चर्चा होने दीजिए. समाधान चर्चा से निकलेगा. नारेबाजी से कुछ नहीं होगा. सरकार चाहती है कि चर्चा हो, लेकिन आप चर्चा नहीं होने दे रहे हैं. वहीं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि हम मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष लगातार अपना स्टैंड बदल रहा है.
चर्चा के लिए संजय सिंह का नोटिस अस्वीकार
उधर आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि मणिपुर यौन हिंसा पर चर्चा के लिए उनके नोटिस को अस्वीकार कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह तानाशाही की पराकाष्ठा है. मणिपुर में हिंसा होगी, लोग मारे जाएंगे, महिलाओं की निर्वस्त्र परेड होगी, रेप होगा, लेकिन देश के सर्वोच्च सदन में बोलने की इजाजत नहीं होगी. मुझे अभी सुबह-सुबह यह पत्र मिला कि मणिपुर पर मेरा नोटिस अस्वीकार हो गया. मोदी जी आपकी तानाशाही का भी अंत होगा.
सीएम ने माना, मणिपुर में सैकड़ों केस हो रहे: प्रियंका
एनसीपी (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया- मणिपुर के सीएम ने ये ऑन रिकॉर्ड कहा है कि ऐसे सैकड़ों मामले दर्ज किए गए हैं, इसलिए इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, अगर वीडियो लीक हो जाते हैं तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को हटा दें और भारतीय कानूनों का पालन करें, जबकि ऐसे सैकड़ों मामलों से राज्य अराजक हो सकताी है.