मुख्यमंत्री खरगोन में पीएम ग्रामीण सड़क योजना के साथ करेंगे शुभारंभ
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश की जनता को नव वर्ष का बड़ा तोहफा दिया है। आज खरगोन में आयोजित एक समारोह में वे प्रदेश के सभी जिलों में साइबर तहसील का शुभारंभ करने जा रहे हैं। अभी तक प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत हर जिले में एक तहसील को साइबर तहसील बनाकर कार्य किया जा रहा था। आज से यह योजना लागू होने जा रही है।
योजना के लागू होने के बाद जमीन की रजिस्ट्री कराने के बाद 15 दिन के अंदर जमीन मालिक के नाम उसका नामांतरण हो जाएगा। नामांतरण के लिए अब पटवारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और न ही तहसील कार्यालय में आवेदन देना होगा। साइबर तहसील में पंजीयन से नामांतरण तक की प्रकिया लागू है। साइबर तहसील को 4 अलग-अलग प्लेटफार्म जैसे संपदा पोर्टल, भू-लेख पोर्टल, स्मार्ट एप्लीकेशन फार रेवेन्यू एप्लीकेशन पोर्टल और रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम (आरसीएमएस) पोर्टल से जोड़ दिया है।
अभी यहां है साइबर तहसील की व्यवस्था
साइबर तहसील की व्यवस्था के लिए राजस्व विभाग द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 में संशोधन कर धारा 13-क में साइबर तहसील स्थापना के प्रावधान किए गए हैं। साइबर तहसील परियोजना अभी 12 जिलों सीहोर, दतिया, इंदौर, सागर, डिंडौरी, हरदा, ग्वालियर, आगर-मालवा, श्योपुर, बैतूल, विदिशा एवं उमरिया में चल रही है।
पीआरसी में जल्द होगी तहसीलदारों की पदस्थापना
साइबर तहसील की व्यवस्था सभी जिलों में लागू होने के बाद राजधानी के प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय (पीआरसी) में स्थापित साइबर तहसील में 15 तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों की आवश्यकता होगी। वर्तमान में 7 तहसीलदारों को संलग्न कर साइबर तहसील की व्यवस्था 12 जिलों में लागू है। पूरे प्रदेश में अतिरिक्त रूप से तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों को अटैच कर ये व्यवस्था तत्काल लागू की जा रही है। जल्दी ही तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों के सेट-अप पुनरीक्षित करने के लिए प्रस्ताव लाया जायेगा। साइबर तहसील में 15 तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों के पदों के सृजन का प्रस्ताव भी शामिल होगा।