सीआरपीएफ भर्ती प्रक्रिया में जालसाजी का हुआ खुलासा
भोपाल। उत्तर प्रदेश के नौ बेरोजगार युवकों ने सीआरपीएफ में आरक्षक पद पर भर्ती होने के लिए जालसाजी का सहारा लिया। अभ्यर्थियों ने आरक्षक पद पर नौकरी पाने के लिए आसाम का मूल निवासी प्रमाण पत्र लगाया, जो दस्तावेजों की जांच के दौरान फर्जी पाया गया। इस मामले में शिकायत मिलने के बाद मिसरोद थाना पुलिस ने नौ आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया है।
थाना प्रभारी आरबी शर्मा ने बताया कि हाल ही में सीआरपीएफ में आरक्षक पद पर भर्ती निकली थी। इस दौरान सीआरपीएफ बंगरसिया कैम्पस में भी भर्ती प्रक्रिया हुई थी। इस भर्ती प्रक्रिया में देशभर से आए अभ्यार्थी शामिल हुए थे। इनमें से नौ अभयार्थियों ने भर्ती में मांगे गए थे, जिसमें आरोपियों ने दस्तावेजों में से आसाम का मूल निवासी प्रमाण पत्र अपने अन्य दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत किया था। सीआरपीएफ कैम्पस में 17 जुलाई को आयोजित दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया के दौरान उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थी मंजीत, रजनीश, देवानंद, नवनीत, विपिन कुशवाहा, शिवम कश्यप, विवेक कुमार, कमला सिंह और आदर्श कुमार के मूल निवासी प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। चूंकि आसाम के निवासी अभ्यर्थियों के लिए फिजिकल टेस्ट के दौरान हाईट में छूट मिलती है। इसलिए सभी अभ्यार्थियों ने हाईट में छूट लेने के लिए आसाम से फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र तैयार कराया था। इस मामले में सीआरपीएफ के उप निरीक्षक अमुष संगा ने लिखित शिकायत की थी। जिसकी जांच के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर सभी नौ अभ्यर्थियों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस आरोपियों ने फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र के संबंध में पूछताछ कर रही है।
Fraud case registered against 9 candidates who got jobs with fake domicile certificate of Assam