- यूक्रेन संघर्ष और एससीओ सदस्य देशों के बीच समग्र सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
- कनेक्टिविटी और व्यापार को बढ़ावा देने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है।
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर कजाकिस्तान के अस्ताना में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। तीन और चार जुलाई को होने वाले शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति और कनेक्टिविटी और व्यापार को बढ़ावा देने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है।
युद्ध समेत कई मुद्दों पर होगी चर्चा
इस दौरान अफगानिस्तान की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और एससीओ सदस्य देशों के बीच समग्र सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने यह जानकारी दी है।
शंघाई सहयोग संगठन में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। यह एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है, जो सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है।
कजाकिस्तान कर रहा शिखर सम्मेलन की मेजबानी
आमतौर पर प्रधानमंत्री एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायेव को शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए भारत का पूर्ण समर्थन जताया। कजाकिस्तान वर्तमान अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। भारत पिछले साल एससीओ का अध्यक्ष था। इसने पिछले साल जुलाई में वर्चुअल प्रारूप में एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी।