नई दिल्ली — फर्जी कॉल्स और हालिया झूठी बम धमकियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नागरिकों को सतर्क रहने के लिए एक महत्त्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में मंत्रालय ने अनजान फोन कॉल्स और झूठी धमकियों से सावधान रहने की अपील की है और सोशल मीडिया मंचों से भी सहयोग की मांग की है ताकि इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।
एडवाइजरी में दिए गए प्रमुख निर्देश
आईटी मंत्रालय ने नागरिकों को अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के निर्देश देते हुए बताया है कि फर्जी कॉल्स और धमकियों का उद्देश्य अक्सर लोगों को डराना और उनसे धोखे से धन या निजी जानकारी हासिल करना होता है। मंत्रालय ने कहा है कि नागरिक किसी भी अनजान कॉल्स पर अपने बैंक खाते का विवरण, ओटीपी, पासवर्ड या अन्य संवेदनशील जानकारी साझा न करें।
- निजी जानकारी न दें: किसी भी अनजान कॉल पर बैंक खाता, एटीएम पिन, ओटीपी जैसी संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें।
- झूठी धमकियों से सतर्क रहें: झूठी बम धमकियों जैसे मामलों में विशेष सावधानी बरतें। इस तरह की धमकियों का उद्देश्य लोगों में डर फैलाना है। किसी भी संदेश या कॉल को सत्यापित करने के लिए संबंधित साइबर सुरक्षा विभाग से संपर्क करें।
- साइबर अपराध हेल्पलाइन: कोई भी संदिग्ध कॉल या धमकी आने पर साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत सूचित करें।
सोशल मीडिया मंचों से सहायता की अपील
आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंचों जैसे व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, और टेलीग्राम से सहयोग की अपील की है ताकि फर्जी कॉल्स और झूठी धमकियों की गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके। मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि सोशल मीडिया मंच अपने निगरानी तंत्र को मजबूत करें और ऐसी किसी भी संदिग्ध प्रोफाइल को तुरंत चिह्नित करें जो इस प्रकार के अपराधों में लिप्त हो सकती है।
मंत्रालय ने नागरिकों को रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करने की अपील की है ताकि वे झूठी धमकियों और फर्जी संदेशों की शिकायत आसानी से कर सकें। इससे इन मामलों पर तेजी से कार्रवाई हो सकेगी और अपराधियों पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी।
होक्स बम धमकियों का बढ़ता खतरा
हाल के समय में झूठी बम धमकियों के मामले सामने आए हैं, जहां अपराधी भय का माहौल बना रहे हैं। इससे न केवल लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है बल्कि प्रशासनिक संसाधनों का भी दुरुपयोग होता है।
आईटी मंत्रालय की इस पहल का उद्देश्य नागरिकों को फर्जी कॉल्स और झूठी धमकियों से सुरक्षित रखना है। सोशल मीडिया मंचों के सहयोग से इन घटनाओं पर नजर रखी जाएगी ताकि एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण तैयार हो सके।