- यमुना में कम पानी छोड़े जाने के कारण वजीराबाद बैराज का जलस्तर 6.20 फीट गिर गया है।
- पानी की मात्रा में कमी आई है और दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पेयजल संकट बढ़ गया है।
- हरियाणा से कम पानी आने के कारण मुनक नहर में भी पिछले साल के मुकाबले जून माह में कम पानी का स्तर रहा।
नई दिल्ली । हरियाणा से दिल्ली के लिए यमुना में कम पानी छोड़े जाने के कारण वजीराबाद बैराज का जलस्तर 6.20 फीट गिर गया है। आलम यह है कि इससे यमुना नदी में टापू दिखाई देने लगा है। इसका असर जल शोधन संयंत्रों पर पड़ा है। इससे शोधित होने वाले पानी की मात्रा में कमी आई है और दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पेयजल संकट बढ़ गया है।
जल मंत्री आतिशी ने सोमवार आंकड़े जारी करते हुए कहा कि 17 जून 2023 को वजीराबाद का जलस्तर 674.50 फीट था,जबकि 17 जून, 2024 को मात्र 668.30 फीट रह गया है। इसी तरह एक जून 2023 को वजीराबाद का जलस्तर 674.40 फीट था। वहीं, एक जून 2024 को जलस्तर 670.90 फीट दर्ज किया गया।
इससे पहले आतिशी ने सोमवार दोपहर वजीराबाद बैराज और जल शोधक संयंत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि हरियाणा से कम पानी आने के कारण मुनक नहर में भी पिछले साल के मुकाबले जून माह में कम पानी का स्तर रहा। बैराज से जुड़े वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला संयंत्र को पर्याप्त कच्चा पानी न मिलने कारण उनमें पानी उत्पादन कम हो गया है। वजीराबाद संयंत्र में ही उत्पादन 48 एमजीडी तक घटा है।
पर्याप्त पानी छोड़े हरियाणा
जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा से अपील करते हुए कहा कि इस भीषण गर्मी में पानी की कमी से दिल्ली के लोग बहुत परेशान है। इस कारण हरियाणा सरकार यमुना में पर्याप्त पानी छोड़े। क्योंकि हरियाणा की ओर से जब तक यमुना में पानी नहीं छोड़ा जाएगा, तब तक दिल्ली में पानी की कमी लगातार बनी रहेगी और लोग परेशान होंगे।
हथिनीकुंड बैराज पर नहीं लगे फ्लो मीटर
जल मंत्री आतिशी ने बताया कि हथिनीकुंड बैराज हरियाणा के अंतर्गत आता है और वहीं से यमुना में पानी छोड़ा जाता है। लेकिन वहां अभी तक फ्लो मीटर नहीं लगे है। इस कारण हरियाणा की ओर से दिल्ली के लिए छोड़े जाने वाले पानी की पैमाइश नहीं हो पाती। ऐसे में हरियाणा का दिल्ली को पर्याप्त मात्रा में पानी भेजने का दावा गलत है।
जलसंकट पर सियासत कर रही है भाजपा
आप ने आरोप लगाया कि भाजपा पानी के मसले पर सियासत कर रही है। पार्टी ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल और सातों सांसद को लोगों की पीड़ा बढ़ा रहे है। उन्हें राजनीति करने की जगह गंभीर जलसंकट को हल करने को प्राथमिकता देनी चाहिए।
पानी की कटौती से लुटियन दिल्ली में गहराया जलसंकट
हरियाणा से पानी कम मिलने से लुटियन दिल्ली में भी जलसंकट गहरा गया है। देश के सबसे विशिष्ट इलाके नई दिल्ली के तिलक मार्ग और बंगाली मार्केट स्थित दो भूमिगत जलाशय (यूजीआर) के लिए जल बोर्ड ने 40 फीसदी पानी में कटौती कर दी है। इसके पीछे दलील वजीराबाद जल शोधक संयंत्र के पूरी क्षमता से काम न करने की दी गई है। इससे नई दिल्ली स्थित कई इलाकों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित होनी शुरू हो गई है। जल बोर्ड ने उसको सूचित किया गया है कि कच्चे पानी की अनुपलब्धता के कारण वजीराबाद जल शोधक संयंत्र से पीने योग्य पानी का उत्पादन पूरी क्षमता से नहीं हो पा रहा है।