- ईडी और सीबीआई दोनों ने दिल्ली हाईकोर्ट से 7 दिन की और मोहलत मांगी।
नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए ईडी और सीबीआई दोनों ने दिल्ली हाईकोर्ट से 7 दिन की और मोहलत मांगी।
सुनवाई शुरू होते ही सीबीआई और ईडी ने कहा कि मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए हमें 7 दिन का और दिया जाए। ईडी-सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कहा कि इस पूरे मामले में जांच अधिकारी गहनता से जांच में लगे हैं। जल्द ही एजेंसी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करेगी।
हालांकि, इसके बाद मनीष सिसोदिया के वकील ने सीबीआई-ईडी की इस मांग और दलील का विरोध किया। इसके बाद हाईकोर्ट ने दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 7 के बदले 4 दिन का वक्त और दे दिया। अब दिल्ली हाईकोर्ट 13 मई यानी सोमवार को मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई करेगा।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जारी किया था नोटिस
बता दें कि इससे पहले 3 मई को हाईकोर्ट ने आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार एवं धनशोधन मामलों में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा था। न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने निचली अदालत के 30 अप्रैल के आदेश को चुनौती देने वाली सिसोदिया की याचिकाओं पर सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया। निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं।
मनीष सिसोदिया ने क्या मांग की थी?
मनीष सिसोदिया ने एक अंतरिम आवेदन में अदालत से अनुरोध किया था कि वह निचली अदालत के उस आदेश को बरकरार रखे, जिसमें उन्हें अपनी याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान हिरासत में रहते हुए बीमार पत्नी से सप्ताह में एक बार मिलने की अनुमति दी गई थी।