वॉशिंगटन। एस्ट्रोनोमर्स ने अंतरिक्ष से पृथ्वी की ओर आए एक रेडियो सिग्नल का पता लगाया है। अंतरिक्ष में एक रहस्यमयी धमाके की वजह से पैदा हुए रेडियो वेव को पृथ्वी तक पहुंचने में आठ अरब साल लगे हैं। एस्ट्रोनोमर्स का कहना है कि यह पृथ्वी से अरबों किलोमीटर दूर मौजूद दो आकाशगंगाओं के मिलन की वजह से हुए धमाके से निकला सिग्नल है। इस तरह के सिग्नल को फास्ट रेडियो बर्स्ट कहा जाता है। आज भी इस घटना की सही से व्याख्या नहीं हो पाई है।
अज्ञात रेडियो वेव है
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक फास्ट रेडियो बर्स्ट एक अज्ञात ऑरिजन वाले रेडियो वेव है, जो मिलीसेकंड तक हुए विस्फोट की वजह से पैदा होते हैं। पहले एफआरबी को 2007 में खोजा गया था। तब से लेकर अब तक ब्रह्मांड के अलग-अलग कोने से पृथ्वी तक सैकड़ों एफआरबी आ चुके हैं। इनकी वजह से कुछ देर के लिए रेडियो सिग्नल आते हैं। वैज्ञानिक सिर्फ अनुमान के आधार पर ही ये बता पाते हैं कि इस तरह से सिग्नल की वजह किसी गैलेक्सी का दूसरी गैलेक्सी से टकराना हो सकता है।
धमाके से कितनी ऊर्जा निकली?
रेडियो सिग्नल की स्टडी कर एस्ट्रोनोमर्स ने बताया है कि जिस धमाके की वजह से रेडियो सिग्नल यहां तक पहुंचा है, वह एक मिलीसेकंड से भी कम समय तक हुआ है। लेकिन इसकी वजह से इतनी ज्यादा ऊर्जा निकली है, जो तीन दशक में सूर्य के जरिए पैदा की गई ऊर्जा के बराबर है। इस रहस्यमयी सिग्नल का पता ऑस्ट्रेलियन एसकेए पाथफाइंडर नामक रेडियो टेलिस्कोप के जरिए लगाया गया है। इस रेडियो टेलिस्कोप को पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में लगाया गया है।
तीन अरब साल पुराना है
अभी तक सबसे पुराना रेडियो बर्स्ट पांच अरब साल पुराना है। इस तरह अभी जिस नए रेडियो बर्स्ट का मालूम चला है, वह पुराने वाले से तीन अरब साल ज्यादा पुराना है। हमारा ब्रह्मांड 13.8 अरब साल पुराना है। ऐसे में आज अंदाजा लगा सकते हैं कि ये रेडियो सिग्नल कितनी दूर से यहां तक पहुंचा है। यहां तक कि पृथ्वी भी 4.5 अरब साल पुरानी है। इस तरह ये अब तक पता लगाया गया सबसे पुराना रेडियो बर्स्ट बन गया है।