भाजपा और कांग्रेस के दो दर्जन से अधिक बाकी बिगाड़ रहे राजनीतिक समीरिण
भोपाल। भारतीय राजनीति में हमेशा से बागियों का बहुत बड़ा किरदार रहा है। मध्यप्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में भी इन्हीं बागियों का अब बहुत महत्व बढ़ गया है। सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के दर्जन भर से अधिक नेता बाकी होकर पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर गए हैं। वहीं करीब एक दर्जन बागी कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ भी उतरे हैं। दोनों राजनीतिक दलों के बागियों की संख्या करीब दो दर्जन से अधिक पहुंच रहे है। ऐसे में प्रमुख राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी अगर अपने बागियों को मनाने में सफल नहीं हुई तो सत्ता में पहुंचना आसान नहीं होगा।
सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा अपने सभी बागियों का मान-मन्नौवल कर रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सभी दस संभागों की बैठक लेकर नाराज नेताओं को मनुहार कर चुके हैं। इतना ही नहीं बागियों को मनाने के लिए क्षेत्र के बड़े भाजपा नेताओं को जिम्मा सौंपा गया है। अमित शाह सभी से कह गए हैं कि पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों को जिताएं, पार्टी सबका ख्याल रखेगी। वहीं कांग्रेस पार्टी की तरह से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ नाराज नेताओं और बागियों को मनाने में जुटे हुए हैं।
आज दोपहर तीन बजे तक नाम वापसी का समय है। ऐसे में दोनों राजनीतिक दलों के नेता अंतिम जोर लगा रहे हैं कि पार्टी से बागी होकर निर्दलीय या अन्य किसी राजनीतिक दल से नामांकन दाखिल करने वाले नेता मान जाएं और अपना नामांकन वापस लेकर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के लिए कार्य करें।
शाम तक स्पष्ट होगी स्थिति
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आज दो नवंबर को दोपहर तीन बजे तक मध्यप्रदेश में नाम वापसी का समय निर्धारित किया गया है। दोपहर तीन बजे के बाद नाम वापस नहीं लिए जा सकेंगे। जिस भी पार्टी के बागी नेता अपने पार्टी के पक्ष में कार्य करना चाहते हें, उन्हें आज दोपहर तीन बजे अपने अपने क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में उपस्थित होकर अपन नामांकन वापस लेना होगा। आज तीन बजे के बाद से स्थिति स्पष्ट होने लगेगी कि किन बागियों को पार्टी ने मना लिया है। शाम पांच-छह बजे तक प्रदेश में बागियों की स्ििाति स्पष्ट हो जाएगी प्रदेश में किन-किन विधानसभा क्षेत्र में बागी पार्टी को दिक्कत देंगे।
इंदौर में बगावत से दोनों पार्टियां परेशान
इंदौर में बगावत से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां बागियों से परेशान हैं। इंदौर जिले की 9 विधानसभा सीटों में से कम से कम दो सीटें ऐसी हैं जहां बागी परिणाम को सीधे-सीधे प्रभावित कर सकते हैं। ये दोनों सीटें ग्रामीण क्षेत्र की हैं। देपालपुर में बागी प्रत्याशी की वजह से भाजपा की चिंता बढ़ी हुई है तो महू में बागी प्रत्याशी ने कांग्रेस को चिंता में डाल रखा है। देपालपुर और महू दोनों ही जगह बागी प्रत्याशी पूरे दमखम से मैदान में डटे हुए हैं।
देपालपुर में जबरेश्वर सेना के राजेंद्र चौधरी मैदान पकड़े बैठे हैं तो महू में पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार। चौधरी देपालपुर में भाजपा प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा सकते हैं तो महू में दरबार कांग्रेस प्रत्याशी को।
BJP-Congress busy in convincing the rebels, withdrawal of nominations till 3 pm today